AI Models के लिए जरूरी नहीं होगी सरकारी मंजूरी, सरकार ने नियमों को किया अपडेट!
AI Regulation in India: भारत में एआई मॉडल्स लॉन्च करने के लिए टेक फर्म को सरकार की अनुमति लेनी जरूरी नहीं होगी. रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने इसके लिए अपनी एडवाइरजी में बदलाव किए हैं.
AI Models: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई टेक्नोलॉजी की भारत समेत पूरी दुनिया में खूब चर्चाएं हो रही है. यह टेक्नोलॉजी यूज़र्स को बहुत सारे कामों में फायदा पहुंचा सकती है, लेकिन बहुत सारे तरीकों से नुकसान भी पहुंचा सकती है. इंटरनेट के माध्यम से क्राइम करने वाले साइबर क्रिमिनल्स के लिए एआई क्राइम करने का एक नया तरीका है, जिसके जरिए वो बहुत बड़े घोटाले कर सकते हैं. इस वजह से दुनियाभर के देशों में एआई को रेगुलेट करने की बातें चल रही थी.
AI मॉडल्स के लिए सरकारी अपडेट
कुछ हफ्ते पहले भारत सरकार ने भी ऐलान किया था कि किसी भी टेक फर्म को इंडिया में कोई भी नया एआई मॉडल लॉन्च करने से पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी. हालांकि, अब एक नई ख़बर आ रही है, जिसके मुताबिक भारत सरकार ने इस अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. इसका मतलब है कि अब टेक फर्म को नया एआई मॉडल डेवलप करने या उसे लॉन्च करने के लिए सरकार की पर्मिशन की जरूरत नहीं होगी.
टेक क्रंच की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के जरिए इस नई अपडेट का खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने शुक्रवार को इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स के लिए अपनी एआई एडवाइज़री को अपडेट किया है. नई एडवाइजरी में कहा गया है कि टेक कंपनियों को देश में एआई मॉडल लॉन्च करने से पहले सरकारी मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है.
सरकार ने जारी की नई एडवाइजरी
हालांकि, टेक कंपनियों को अविश्वसनीय और कम परीक्षण वाले एआई मॉडल को लेबल करना होगा ताकि पारदर्शिता को कायम किया जा सके. इसके अलावा यह एआई द्वारा बनाए गए कंटेंट से उत्पन्न की गई गलत सूचनाओं को कम करने में मदद करेगा. रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने जब कुछ हफ्ते पहले एआई मॉडल्स लॉन्च करने के लिए सरकारी मंजूरी को अनिवार्य किया था, तब उन्हें कई टेक फर्म्स की आलोचनाएं झेलनी पड़ी थी.
गौर करने वाली बात है कि पिछले साल केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पुष्टि की थी कि सरकार एआई ऐप्लिकेशन्स को विनियमित (Regulate) नहीं करेगी, लेकिन पिछले कुछ महीनों में भारत समेत दुनियाभर में एआई टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल करते हुए देखा गया. खासतौर पर एआई की मदद से डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके फ्रॉड करने वाली चीज सबसे ज्यादा खतरनाक और चिंताजनक है. इस वजह से सरकार ने एआई मॉडल्स के लिए सरकारी मंजूरी को जरूरी किया था. अब देखना होगा कि भविष्य में सरकार एआई की खामियों से कैसे निपटेगी.
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