Dark Pattern: क्या है डार्क पैटर्न स्टाइल? आप भी जरूर हुए होंगे इसका शिकार, अब सरकार ने किया बैन
क्या आप जानते हैं कि डार्क पैटर्न स्टाइल क्या है? अगर नहीं, तो आज हम आपको इस बारे में बतांएगे. भले ही आप इसका मतलब न जानते हों लेकिन आप इसका शिकार जरूर हुए होंगे. जानिए कैसे?
Whats is Dark Pattern? ग्राहकों को डार्क पैटर्न स्टाइल के झांसे से बचाने के लिए भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के लिए डार्क पैटर्न स्टाइल को बैन कर दिया है. 30 नवंबर को, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने "डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए दिशानिर्देश जारी करते हुए एक अधिसूचना जारी की. नए दिशानिर्देश भारत में सामान और सेवाएं पेश करने वाले सभी प्लेटफार्मों, विज्ञापनदाताओं और विक्रेताओं पर लागू होते हैं.
आज हम आपको इस लेख में ये बताएंगे कि डार्क पैटर्न स्टाइल क्या है और कैसे आप इसके जाल में फसे होंगे.
क्या है डार्क पैटर्न स्टाइल?
डार्क पैटर्न स्टाइल में ई-कॉमर्स कंपनियां या एडवटाइजर्स आपको अलग-अलग तरह से प्रोडक्ट या सर्विस को खरीदने के लिए मजबूर करते हैं. इसमें होता ये कि आप न चाहते हुए भी गैर जरुरी सामान अपने लिए खरीद लाते हैं. जैसे आपको खरीदना था एक फोन और आपने डार्क पैटर्न स्टाइल के चलते इसके लिए कवर, स्क्रीन गार्ड, गारंटी एक्सटेंड आदि सब कुछ साथ-साथ में खरीद लिया. डार्क पैटर्न में कंपनियां झूठी अर्जेन्सी क्रिएट करती हैं. जैसी आपसे कहा जाएगा कि फलाने आइटम का स्टॉक खत्म होने वाला है ताकि आप उसे जल्द खरीद लें. इसके अलावा ओनली 2 और 4 आइटम लेफ्ट का भी यूज किया जाता है.
बास्केट स्नीकिंग और फोर्स्ड एक्शन के जरिए किया जाता है टारगेट
हमें यकीन है कि आप भी जरूर इस तरह के डार्क पैटर्न स्कैम में फसे होंगे. बास्केट स्नीकिंग के जरिए भी आपको टारगेट कंपनियां करती थी. इस प्रकार के डार्क पैटर्न में चेकआउट के समय यूजर्स की सहमति के बिना उनके बास्केट या कार्ट में अतिरिक्त प्रोडक्ट, सेवाएं जोड़ दिए जाते हैं जिसके परिणामस्वरूप कुल देय राशि अधिक हो जाती है. एक और डार्क पैटर्न के स्टाइल में फोर्स्ड एक्शन का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें यूजर्स ऐसी कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो जाता है जिसमें उन्हें अतिरिक्त सामान खरीदने, किसी असंबंधित सेवा की सदस्यता लेने या उस प्रोडक्ट या सेवा को खरीदने या सदस्यता लेने के लिए व्यक्तिगत जानकारी साझा करने के लिए मजबूर किया जाता है. इसी के बाद यूजर अपना मेन प्रोडक्ट खरीद पाते हैं. इस में होता ये है जो आइटम नहीं खरीदना होता वो भी हमारे पास आ जाता है.
खैर अब सरकार ने डार्क पैटर्न स्टाइल को बैन कर दिया है और अब कंपनियां आपको मैन्युपुलेट कर सामान नहीं बेच पाएंगी.
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