सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स ने ये किया तो लगेगा 50 लाख का जुर्माना, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस
नई गाइडलाइन के तहत अब प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट का प्रचार करने वाले हर सेलिब्रिटी और इन्फ्लुएंसर को यह भी बताना होगा कि इस प्रचार के लिए उन्होंने पैसा लिया है या नहीं.
Social Media Guidline: देश में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को झांसे में डालना अब महंगा पड़ सकता है. बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए अपने प्रोडक्ट्स का प्रचार करने के लिए आजकल सोशल मीडिया एक अच्छा माध्यम है. रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2020 में सोशल मीडिया 1,275 करोड़ रुपये का एक बड़ा बाजार था और 2025 तक इसके 20 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है.
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और कंपनियों के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की हैं. जिसके अनुसार अब सेलिब्रिटीज या इनफ्लूएंसर्स ऐसे ही किसी भी कंपनी के प्रोडक्ट का प्रचार सोशल मीडिया पर नहीं कर पाएंगे, बल्कि इसके लिए प्रचार के साथ उन्हें कुछ जरूरी जानकारी भी संलग्न करनी होगी. आइए जानते हैं...
देनी होगी पैसे की जानकारी
नई गाइडलाइन के तहत अब प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट का प्रचार करने वाले हर सेलिब्रिटी व इन्फ्लुएंसर को यह बताना होगा कि इस प्रचार के लिए उन्होंने पैसा लिया है या नहीं, साथ ही इस बात की जानकारी भी देनी होगी कि प्रोडक्ट के इंडोर्समेंट के पीछे उनका फाइनेंशियल इंटरेस्ट शामिल है या नहीं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Ministry of Consumer Affairs ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत नई गाइडलाइन जारी की हैं. विभाग सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि इस गाइडलाइन को लाने का उद्देश्य यह है कि उपभोक्ता तक सही जानकारी पहुंचे.
नई गाइडलाइन के मुताबिक, अब हर सेलिब्रिटीज, सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर्स और वर्चुअल इनफ्लूएंसर्स को बताना होगा कि प्रोडक्ट इंडोर्समेंट के लिए उन्हें पैसे मिले हैं या नहीं. यह जानकारी इनफ्लूएंसर्स को वीडियो में ही देनी होगी और साथ ही यह भी बताना होगा कि वो उस प्रोडक्ट को इस्तेमाल करते हैं या नहीं.
लाइव स्ट्रीमिंग भी इसी दायरे में
सरकार की यह नई गाइडलाइन लाइव स्ट्रीमिंग पर भी लागू होती है. अगर सेलिब्रिटी या इन्फ्लुएंसर किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीम करके प्रोडक्ट का प्रचार करते हैं तो इसमें भी उन्हे प्रोडक्ट के बारे में सही जानकारी ही देनी होगी.
नियम न मानने पर लगेगा 50 लाख का जुर्माना
मंत्रालय की ओर से यह भी साफ कर दिया गया है कि अगर कोई गाइडलाइन का उल्लघन करता है तो उसपर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा. वहीं, बार-बार उल्लघन करने पर यह जुर्माना बढ़कर 50 लाख रुपये तक भी पहुंच सकता है और 6 सालों के लिए किसी भी प्रोडक्ट का प्रचार करने पर भी रोक लगाई जा सकती है.
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