दुनिया के बेहद पॉपुलर मैसेंजर व्हाट्सऐप (WhatsApp) का आज ज्यादातर लोग इस्तेमाल करते हैं. लेकिन व्हाट्सऐप से कनेक्ट होने के साथ-साथ इस प्लेटफॉर्म पर अफवाह और गलत जानकारी का भी प्रसार होने लगा है. सोशल मीडिया पर एक खबर फैलाई गई कि सरकार आपके चैट (WhatsApp chats) की मॉनिटरिंग कर रही है. लेकिन सरकार के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल, पीआईबी फैक्ट चेक (PIB fact check) ने सोशल मीडिया चैनलों पर प्रसारित इस भ्रामक दावे का खंडन किया है और इस बारे में बयान भी जारी किया है.
ये दावे झूठे हैं
खबर के मुताबिक, दावा यह किया गया कि भारत सरकार व्हाट्सऐप पर पर्सनल मैसेज की निगरानी कर रही थी और उन्हें रीड कर रही थी. पीआईबी फैक्ट चेक ने एक फोटो ट्वीट की और यह स्पष्ट कर दिया कि ये दावे झूठे हैं. व्हाट्सऐप में इमेज, अलग-अलग मैसेज स्टेटस को दर्शाने के लिए व्हाट्सऐप द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अलग-अलग सिम्बॉल को शो करती है. दो ब्लू टिक पुष्टि करते हैं कि संदेश पढ़ा गया है. ये मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जाने-माने फीचर्स हैं.
सरकार ले सकती है एक्शन
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, फैक्ट चेक में पीआईबी ने कहा कि भ्रामक दावे के पीछे शरारती तत्वों ने भ्रम पैदा करने के लिए एक्स्ट्रा पॉइंटर जोड़े. उनकी मनगढ़ंत जानकारी के मुताबिक, तीन ब्लू टिक का मतलब था कि सरकार ने मैसेज पर ध्यान दिया है, जबकि दो नीले और एक लाल टिक के कॉम्बिनेशन से संकेत मिलता है कि सरकार ऐसा दावा करने वाले के खिलाफ एक्शन ले सकती है. इसे कोर्ट से नोटिस भेजा जाएगा.
सोर्स से वेरिफाई करना जरूरी
हकीकत में गौर करने वाली बात है कि ऑफिशियल व्हाट्सऐप प्लेटफॉर्म मैसेज स्टेटस के लिए रेट टिक का इस्तेमाल नहीं करता है, बल्कि यह ग्रे टिक का इस्तेमाल करता है जो रिसीवर द्वारा मैसेज पढ़ने पर ब्लू हो जाता है. व्हाट्सऐप और सरकारी निगरानी पर लाल टिक का सुझाव देने वाली कोई भी इमेज पूरी तरह से नकली है. पीआईबी फैक्ट चेक ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार व्हाट्सऐप या किसी दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्राइवेट मैसेजेज की निगरानी नहीं करती है. पीआईबी ने कहा है कि गलत सूचना जंगल की आग की तरह फैल सकती है. इसके लिए सतर्क रहना और जानकारी को साझा करने या उस पर विश्वास करने से पहले विश्वसनीय सोर्स से वेरिफाई करना जरूरी है.