फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आप सभी ने लोन ऐप्स के Ads जरूर देखे होंगे. मेटा पैसे लेकर इन ads को दिखाती है ताकि जिन लोगों को पैसों की जरूरत हो वो इन ऐप्स के जरिए लोन ले पाएं. हालांकि प्लेटफार्म पर कई ऐसे ऐप्स भी मौजूद हैं जो लोगों को लोन के वक्त मिसगाइड करते हैं और बाद में ज्यादा पैसे रिपेमेंट के तौर पर लेते हैं. कई ऐप्स तो ऐसे हैं जो लोन के बहाने यूजर्स की निजी जानकारी जैसे कि कांटेक्ट, फाइनेंशल डिटेल्स और मैसेज आदि की जानकारी भी इकट्ठा करते हैं. फ्रॉड करने वाले लोग भी फेसबुक पर ऐसे लोन ऐप्स का प्रचार करते हैं और आम लोगों के मेहनत से कमाए पैसे को उड़ा ले जाते हैं. 


नहीं दिखेंगे फर्जी लोन ऐप के ads 


इस सबसे से आम यूजर को बचाने और फेसबुक और इंस्टाग्राम ऐसे फर्जी लोन ऐप्स का एडवर्टाइजमेंट न करे इसके लिए सरकार आईटी रूल में कुछ बदलाव करने वाली है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि सरकार फर्जी लोन ऐप्स के डिस्ट्रीब्यूशन को रोकने के लिए फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी कंपनियों के लिए नए नियम बनाएगी. यदि नियमों के खिलाफ जाकर कोई प्लेटफार्म ऐसे ऐप्स का डिस्ट्रीब्यूशन करता है तो सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इस नियम को आने वाले जनरल इलेक्शन के बाद लागू कर सकती है. नए नियम में सरकार सोशल मीडिया कंपनियों के लिए इस तरह के ऐप्स के प्रचार से पहले कुछ जरुरी बिन्दुओं को ध्यान में रखने के लिए कह सकती है.  


इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री ने आगे कहा की आईटी मंत्रालय कई महीनों से भारतीय रिजर्व बैंक के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रहा है, लेकिन हमने हाल ही में इस समस्या का समाधान खोजने के लिए अपना प्रयास तेज कर दिए हैं. बता दें, हाल ही में, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि केंद्रीय बैंक ने भारत सरकार के साथ ऋण देने वाले ऐप्स की एक सूची शेयर की है ताकि फर्जी ऐप्स के खिलाफ एक्शन और लोगों के पैसे को बचाया जा सके.


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