Government Plans 'Right to Repair' : केंद्र सरकार(Union Government) उपभोक्ता सामान, गैजेट्स(Gadgets) और कार कंपनियों(Car Companies) की मनमानी को खत्म करने के लिए मरम्मत का अधिकार(Right to Repair) नियम की रूपरेखा विकसित करने पर काम कर रही है. अभी अधिकांश कंपनियों की पॉलिसी के तहत ग्राहकों को अपने गैजेट्स और कारों की रिपेयरिंग कंपनी के ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर्स पर ही करानी होती है. वहीं बाहर से रिपेरिंग कराने पर प्रोडक्ट्स की वारंटी तक खत्म कर दी जाती है. इस नए नियम के तहत अब मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को अपने प्रोडक्ट्स की सारी जानकारी ग्राहकों को देनी होगी, जिससे वे खुद या कहीं भी इन प्रोडक्ट्स को रिपेयर करा सकेंगे. ऐसे में यूजर्स की कंपनियों पर निर्भरता कम हो जाएगी.  


सरकार ने इसके लिए एक समिति का भी गठन किया है. गुरुवार को समिति की पहली बैठक की गई, जिसमें समिति की अध्यक्ष उपभोक्ता विभाग की अपर सचिव निधि खरे भी मौजूद थीं. समिति ने बैठक के दौरान मरम्मत के अधिकार के लिए जिन क्षेत्रों की पहचान की गई है, उनमें खेती उपकरण, मोबाइल फोन(Mobile Phone), टेबलेट(Tablet), कन्जयूमर डयूरेबल्स(Consumer Durables), ऑटोमोबाइल्स(Automobiles) और ऑटोमोबाइल्स प्रोडक्ट्स को चिन्हित किया गया है. 


इस नियम के साथ सरकार ग्राहकों को मजबूत बनाना चाहती है. इस अधिकार के जरिए सरकार कंपनी, सेलर और थर्ड पार्टी खरीददारों  के बीच व्यापार में सामंजस्य बनाना चाहती है और साथ ही इसके जरिए ई कचरा(Electronic Waste) कम करने की भी कोशिश की जा रही है. बैठक के दौरान इस पर भी चर्चा की गई कि प्रोडक्शन कंपनियां मैनुअल के प्रकाशन से बचती हैं, जिससे उपभोक्ता को अपने गैजेट्स व स्पेयर पार्ट्स को आसानी से मरम्मत करने में मदद मिल सकती है.


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