Hacking : हैकर्स वे लोग होते हैं जो अपनी टेक्निकल स्किल्स और ज्ञान का इस्तेमाल करके कंप्यूटर सिस्टम, नेटवर्क और वेबसाइटों में गैर-कानूनी तरीके से पहुंच हासिल कर लेते हैं. हैकर्स सामान्यतः साइबर क्राइम से जुड़े होते हैं, लेकिन अलग-अलग हैकर की हैकिंग की वजह अलग हो सकती है. कुछ हैकर्स इसे एक चुनौती के रूप में देखते हैं और इसे अपनी स्किल्स को सुधारने का एक माध्यम के रूप में समझते हैं, जबकि दूसरे इसे पर्सनल प्रॉफिट, राजनीतिक या सामाजिक कारणों, या बदले के लिए हैकिंग करते हैं. आइए जानते हैं कि हैकर्स हैकिंग क्यों करते हैं और भारतीय कानून में हैकिंग को लेकर क्या पनिशमेंट है?
हैकर्स के हैकिंग करने की कुछ वजह
- पैसे कमाने के लिए : कुछ हैकर्स अपनी स्किल्स का इस्तेमाल करके ऑनलाइन पैसे कमाने की कोशिश करते हैं. ऐसे हैकर्स आमतौर पर बैंकिंग सेवाओं या वित्तीय संस्थाओं की वेबसाइट को निशाना बनाते हैं.
- सिक्योरिटी टेस्टिंग: कुछ हैकर्स विभिन्न संगठनों या व्यक्तियों के लिए सुरक्षा टेस्टिंग करते हैं, जिससे उन्हें अपनी सुरक्षा में कमी ढूंढने में मदद मिलती है.
- जासूसी: कुछ हैकर्स दूसरों के संगठनों, सरकारों, लोगों या संगठनों की जासूसी करते हैं. ये जासूसी वाला काम आमतौर कोई हैकर निजी तौर पर नहीं करता है, बल्कि कुछ संगठन या सरकारें इनसे करवाती हैं.
- दिलचस्पी : कुछ हैकर्स हैकिंग करने में सिर्फ दिलचस्पी रखते हैं. उन्हें लगता है कि हैकिंग करना एक चुनौतीपूर्ण काम है और इस काम को करने में उन्हें मजा आता है.
भारत में हैकिंग के लिए क्या सजा है?
भारत में हैकिंग के अपराध को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 के तहत परिभाषित किया गया है. इस धारा के तहत, कंप्यूटर या कंप्यूटर नेटवर्क तक अनधिकृत पहुंच का अपराध करने वाले व्यक्ति को कारावास और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है. भारत में हैकिंग के लिए तीन साल तक जेल की सजा और/या पांच लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. अगर दोबारा यही अपराध किया जाता है तो कारावास की अवधि को दस लाख रुपये तक के जुर्माने के साथ दस साल तक बढ़ाया जा सकता है.
हैकिंग करने पर आईटी अधिनियम के तहत सजा के अलावा, व्यक्ति पर भारतीय दंड संहिता के तहत चोरी, धोखाधड़ी और शरारत जैसे अन्य संबंधित अपराधों का भी आरोप लगाया जा सकता है. सजा की गंभीरता किए गए अपराध की प्रकृति और सीमा पर निर्भर करती है. अगर हैकिंग राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालती है तो सजा और भी गंभीर हो सकती है.
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