Chromium Based Microsoft Edge Extension: साइबर सुरक्षा फर्म वोलेक्सिटी के अनुसार, उत्तर कोरिया के हैकर्स आपकी हर तरह की ऑनलाइन गतिविधियों पर नज़र रख रहे हैं. आपके अकाउंट्स की जासूसी और डेटा चोरी करने जैसी गतिविधियाँ करने में हैकर्स मिलिसियस गूगल क्रोम (Milicious Google Chrome) और क्रोमियम बेस्ड माइक्रोसॉफ्ट एज एक्सटेंशन (Chromium Based Microsoft Edge Extension) का प्रयोग कर रहे हैं. हैकर्स ने डाटा चोरी करने वाले इस ग्रुप का नाम 'शार्पटंग' रखा है. इस काम को मूल रूप से उत्तर कोरियाई माना जाता है और इसे अक्सर किमसूकी नाम से भी जाना जाता है.
शार्प टंग (Sharp Tongue) का निशाना अधिकतर ऐसे लोग होते हैं जो यूनाइटेड स्टेटस, यूरोप और साउथ कोरिया के संगठनों के लिए नार्थ कोरिया से जुड़े विषयों पर काम कर रहे हों. उदाहरण के लिए परमाणु, हथियारों की तकनीक या नार्थ कोरिया की सुरक्षा से जुड़ी किसी भी गतिविधि पर किसी संस्थान के लिए काम कर रहे हों. बता दें, पिछले एक साल में वोलेक्सिटी (Volexity) ने ऐसी कई घटनाओं का जवाब दिया है, जिसमें शार्पटंग शामिल था. ज्यादातर केसों में मिलिसियस गूगल क्रोम और माइक्रोसॉफ्ट एज एक्सटेंशन मिला, जिसे शार्पएक्स कहा गया.
सुरक्षा एक्सपर्ट के मुताबिक जब से इसकी खोज हुई है तब से इसका विस्तार होता जा रहा है और अभी यह 3.0 के वर्जन पर काम कर रहा है. यह तीन वेब ब्राउज़र को सपोर्ट कर मेल, जीमेल और एओएल जुड़ी जानकारियां चोरी करता है. यह पहले से ओपन अकॉउंट या लॉगइन अकाउंट के दौरान ईमेल से डाटा चोरी करता है और हमले को यूजर से छुपा देता है, जिससे चोरी का पता लगाना मुश्किल हो जाता है. साइबर सुरक्षा फर्म ने यह भी नोटिस किया है कि जिस तरह एक्सटेंशन चोरी करता है तो क्या वह किसी अकाउंट की अकाउंट एक्टिविटी में दर्ज होता है या नहीं.
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