कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार लॉकडाउन साबित हुआ. लेकिन इस दौरान दूर रहकर भी अपनों से दूरी न बने, दफ्तर का काम न रुके और घरों में बैठे-बैठे बोरियत भी महसूस न हो, इसी को ध्यान में रखते हुए कई प्लेटफॉर्म तरह-तरह के फीचर्स लेकर आए. Whatsapp, Zoom, CureFit Airtel, Zomato और Swiggy जैसी कंपनियों ने शानदार काम किया और परेशान लोगों की जिंदगी को आसान बनाने में अहम रोल अदा किया.


Whatsapp


जब सबको आइसोलेशन की वजह से अपनों से दूर रहना पड़ा तो वीडियो कॉल सबका सहारा बना. अपनों से सबसे वीडियो कॉल करने का सबसे आसान तरीका Whatsapp था लेकिन उसमे केवल चार लोग ही आपस में बात कर सकते थे. लॉकडाउन के दौरान यूजर्स की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए Whatsapp ने इसे बढ़ाकर आठ कर दिया. एक ग्रुप के सभी लोगों के साथ चैट करने की सुविधा दी.


Zoom


अगर लोग आमने सामने नहीं होंगे तो ऑफिस का काम कैसे चलेगा, बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी? यह सवाल जब लॉकडाउन हुआ तो सबके मन में थे. लॉकडाउन में ऑफिस का काम नॉनस्टॉप जारी रखने में Zoom एप महत्वपूर्ण साबित हुआ. लोग आसानी से ऑफिस की जरूरी मीटिंग में शामिल हो सके और किसी को यह भी महसूस नहीं हुआ जैसे की हम अपने घरों में एक दुसरे से दूर हैं. लेकिन उससे भी बड़ी बात यह थी की स्कूलों की ज़रुरत देख के, Zoom ने Zoom for education की घोषणा की. इसके अंतर्गत Zoom ने स्कूलों के बेसिक प्लान से 40 मिनट ली कॉल लिमिट को हटा दिया और अपनी सर्विस स्कूलों में मुफ्त में मुहैया कराई. सोचिये अगर Zoom यह नहीं करता तो हमारे बच्चे घर की सुरक्षा से कैसे पढ़ पाते?


Cult.Fit


कोरोनावायरस की वजह से एक चीज़ जिसकी तरफ हम सबका ध्यान आकर्षित हुआ है वो है हमारा स्वास्थ्य. लॉकडाउन शुरू होते ही लोगों का बहार जाना भी बंद हो गया और साथ ही एक्सरसाइज भी. Cult.Fit ने लोगों की रोज़मर्रा की एक्सरसाइज और फिटनेस की ज़रूरतों को बेहतर तरीके से पूरा करने के लिए कल्ट.लाइव के लॉन्च की घोषणा की. इन लाइव सेशंस के द्वारा Cultfit ने ना सिर्फ़ लोगों की स्वस्थ रहने में मदद की बल्कि सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया. इन लाइव क्लासेज में एक स्टार ट्रेनर क्लास लेते हैं और लोग अपने घरों में आराम से एक्सरसाइज का अनुभव ले सकते हैं.


Airtel


लेकिन Whatsapp, Zoom और Cult.Fit जैसे एप के इस्तेमाल के लिए जरूरी था हाई स्पीड इंटरनेट वाला नेटवर्क. जिसे Airtel ने आसानी से उपलब्ध कराया.


लेकिन Whatsapp, Zoom और CultFit जैसे एप के इस्तेमाल के लिए जरूरी था हाई स्पीड इंटरनेट वाला नेटवर्क. जैसे Airtel. Airtel ने देश के कोने कोने में अपनी सर्विसेज उपलब्ध कराईं. लेकिन जुमरे देश में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जैसे मजदूर, सब्जी-फल बेचने वाले, रेहडी वाले जो नेटवर्क रिचार्ज के लिए दुकानों पर निर्भर थे, वही दुकानें जो लॉकडाउन में बंद कर दी गई थीं. ताकि यह लोग अपनों से जुड़े रह सकें, Airtel ने एटीएम, मेडिकल शॉप और पोस्ट ऑफिस जैसी जरूरी सेवाओं वाली जगहों पर मोबाइल रिचार्ज की सेवा उपलब्ध करवाई. Airtel Thanks ऐप के द्वारा सारे नेटवर्क्स का ऑनलाइन रिचार्ज संभव कर दिया और लोगों को मदद करने पे यूज़र्स को 4% कॅशबैक का इनाम भी दिया.


इससे लोगों की ज़िन्दगी में क्या फर्क पड़ा इसका एहसास मुझे तब हुआ जब मैंने अपने कुक का फ़ोन रिचार्ज किया तो उसकी खशी का ठिकाना नहीं रहा क्यूंकि उसने, फ़ोन न चलने की वजह से, कई दिनों से गांव में रह रहे अपने माता पिता से बात ही नहीं की थी. उनकी खैर-खबर पूछकर उसने मेरा धन्यवाद किया और मैंने एयरटेल का.



Zomato और Swiggy


लॉकडाउन में लोगों ने अगर कुछ ज्यादा मिस किया तो वह है बाहर का पसंदीदा खाना. लेकिन इस दौरान जोमैटो और स्विगी ने पसंदीदा खाने का स्वाद बिगड़ने नहीं दिया. पूरी सुरक्षा का ख्याल रखते हुए घर तक खाना पहुंचाने का वादा पूरा किया. और यह संभव करने के लिए उन्होंने कई कदम उठाए, जिससे 'कॉन्टैक्टलेस' तरीके से बिना खाने को किसीका हाथ लगे, वह पैक किया जाए और लोगों तक सुरक्षित रूप से पहुँचाया जाए.


हालांकि COVID-19 की स्थिति अभी टली नहीं है , लेकिन जिस तरह कंपनियों आगे बढ़ कर लोगों की मदद की है, यह सबके लिए प्रेरणा का स्त्रोत है. और यह आशा है की यह मुहिम तब तक जारी रहेगी जब तक लोगों को इसकी ज़रुरत रहे.