अगर आप Apple डिवाइस यूज करते हैं तो सतर्क हो जाने की जरूरत है. साइबर अटैकर्स आपके डिवाइस में घुसपैठ कर पर्सनल डेटा चोरी कर सकते हैं और जरूरी डेटा को डिलीट भी किया जा सकता है. IT मंत्रालय की इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने इसे लेकर हाई-रिस्क सिक्योरिटी वॉर्निंग जारी की है. इसमें ऐपल डिवाइस की उन खामियों की तरफ इशारा किया गया है, जिनका फायदा उठाकर अटैकर्स संवेदनशील डेटा को चोरी या गलत तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं. आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं.
इन डिवाइसेस पर है ज्यादा खतरा
वॉर्निंग के अनुसार, iOS 18.1 से पुराने वर्जन पर चल रहे आईफोन और आईपैड, आउटडेट हो चुके macOS वर्जन पर चलने वाले Macs, watchOS 11 से पुराने वर्जन वाली ऐपल वॉचेज पर साइबर अटैक्स का ज्यादा खतरा है. इसके अलावा tvOS, visionOS और सफारी ब्राउजर पर भी अटैकर्स की नजर है. अगर आप भी इनमें से कोई डिवाइस यूज कर रहे हैं तो उसे तुरंत अपडेट करने की जरूरत है.
ये है खतरा
अगर आप तुरंत अपना डिवाइस अपडेट नहीं करते हैं तो पर्सनल डेटा चोरी होने, डिवाइस के खराब होने और जरूरी डेटा के गलत इस्तेमाल होने का डर है. आजकल साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए अतिरिक्त सावधानी की जरूरत है. अगर डेटा गलत हाथों में पड़ जाता है तो इसके कई खतरे हैं. यह वित्तीय नुकसान से लेकर कानूनी कार्रवाई आदि का कारण बन सकता है
बचाव के लिए अपनाएं ये टिप्स
किसी भी प्रकार के साइबर अटैक और बग्स से बचने के लिए अपने डिवाइस को नियमित अंतराल पर अपडेट करते रहें. ऐपल समय-समय पर आईफोन, आईपैड, मैक और अपने दूसरे डिवाइस के लिए सेफ्टी अपडेट्स रोलआउट करती रहती है. इसे नजरअंदाज न करें और सिक्योर रहने के लिए डिवाइस को अपडेट करते रहें. इसके अलावा डिवाइस को रिस्टार्ट भी करते रहें ताकि सिक्योरिटी अपडेट्स ठीक से इंस्टॉल हो सके.
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