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AI से होती है पहचान, सिक्योरिटी ऐसी कि परिंदा भी न मार पाए पर, 32 कमरों वाले White House में मिलती हैं ये हाईटेक सुविधाएं

White House में अत्याधुनिक सुरक्षा के लिए AI, बायोमेट्रिक स्कैनर, एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी और साइबर सुरक्षा का उपयोग होता है, जो इसे बाहरी और डिजिटल खतरों से पूरी तरह सुरक्षित बनाते हैं.

White House AI Security : अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास White House दुनिया का सबसे सुरक्षित और हाईटेक हाउस माना जाता है. यह सिर्फ 32 कमरों वाला साधारण भवन नहीं है, बल्कि इसमें सुरक्षा के ऐसे सिस्टम लगाए गए हैं कि यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता.

यहां आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से हर आने-जाने वाले की पहचान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए की जाती है. इस टेक्नोलॉजी में लगे हाई-रेजोल्यूशन कैमरा और सेंसर किसी भी अज्ञात व्यक्ति या संदिग्ध गतिविधि को पहचानकर तुरंत अलर्ट भेज देते हैं.

वाइट हाउस की हाईटेक सुरक्षा

White House की सुरक्षा के लिए फेशियल रिकग्निशन सिस्टम और बायोमेट्रिक स्कैनर का इस्तेमाल होता है, जो सुनिश्चित करता है कि कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति की प्रवेश न कर सके. व्हाइट हाउस के चारों ओर सुरक्षा के लिए एक अलग तरह की टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है, जिसमें तापमान सेंसर, मोशन डिटेक्टर और अन्य संवेदनशील डिवाइस शामिल हैं. ये सिस्टम छोटी से छोटी हलचल को पकड़ने में सक्षम हैं, जिससे तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को सूचना भेजी जा सकती है​.

  • फेशियल रिकग्निशन सिस्टम: आने-जाने वालों की पहचान को सुनिश्चित करने के लिए हाई-रेजोल्यूशन कैमरों के साथ AI-आधारित पहचान तकनीक का उपयोग.
  • बायोमेट्रिक स्कैनर: इंट्री पॉइंट्स पर बायोमेट्रिक स्कैनर का प्रयोग ताकि अनधिकृत व्यक्तियों की एंट्री को रोका जा सके.
  • थर्मल और मोशन सेंसर: छोटे से छोटे मूवमेंट और तापमान में बदलाव का पता लगाने के लिए विशेष सेंसर लगाए गए हैं.
  • साइबर सिक्योरिटी सिस्टम: साइबर हमलों से बचाव के लिए एक मजबूत साइबर सुरक्षा नेटवर्क जो डेटा प्रोटेक्शन और डेटा ब्रिच को रोकता है​.
  • एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी: भवन के आस-पास अनाधिकृत ड्रोन गतिविधियों को ट्रैक और निष्क्रिय करने के लिए.
  • एयर-डिफेंस सिस्टम: हवाई सुरक्षा के लिए, जो किसी संभावित हवाई हमले से पहले ही अलर्ट कर सके.
  • ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR): भूमिगत गतिविधियों का पता लगाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए.
  • इमरजेंसी कम्यूनिकेशन सिस्टम: किसी भी इमरजेंसी स्थिति में अधिकारियों के साथ जुड़े रहने के लिए एक उच्च सुरक्षा वाली संचार प्रणाली.
  • इन्फ्रारेड और नाइट विजन कैमरे: रात के समय भी पूरे क्षेत्र पर नजर रखने के लिए.
  • ईएमपी प्रोटेक्शन (Electromagnetic Pulse Protection): किसी भी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हमले से सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए.

इन सभी हाईटेक टेक्नोलॉजी की सहायता से White House की सुरक्षा अत्यधिक मजबूत और सुरक्षित बनी रहती है.

वाइट हाउस की साइबर सिक्योरिटी

Cybersecurity के क्षेत्र में भी White House को सुरक्षित रखने के लिए विशेष उपाय किए गए हैं. साइबर हमलों को रोकने के लिए, अमेरिकी सरकार और प्राइवेट सेक्टर के बीच डेटा और जानकारी के आदान-प्रदान को बेहतर बनाने की रणनीति बनाई गई है. यह सिस्टम भवन के अंदर और बाहर के डिजिटल नेटवर्क की सुरक्षा करता है और किसी भी प्रकार के हैकिंग हमले से बचाता है. इसके अलावा, व्हाइट हाउस के अंदर एक विशेष इमरजेंसी बंकर भी है, जो किसी भी इमरजेंसी स्थिति में राष्ट्रपति और अन्य अधिकारियों को सुरक्षित रख सकता है​.

वाइट हाउस की एआई सिक्योरिटी

हवाई सुरक्षा के लिहाज से White House में एयर-डिफेंस टेक्नोलॉजी भी लगी है, जो किसी भी अनएक्सपेक्टेड हवाई खतरे को रोकने में सक्षम है. यह तकनीक किसी भी संभावित हवाई हमले की जानकारी पहले से दे सकती है, ताकि समय रहते सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके​. इस प्रकार, White House न केवल अपने आधुनिक सुरक्षा सिस्टम बल्कि अत्याधुनिक AI और साइबर सुरक्षा के इस्तेमाल से दुनिया का सबसे सुरक्षित और हाईटेक स्थान बन गया है.

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