Spyware: वर्तमान समय में टेक्नॉलजी लोगों के इतने करीब पहुंच गयी है कि वायरस क्या है? इस बात को लगभग हर कोई समझता है. लेकिन ये क्या नुकसान करता है और कैसे करता है इस बारे में अभी भी बहुत कम लोग ही जानते हैं. इसी वजह से बहुत जल्दी इसका शिकार भी हो जाते है. हम आपको वायरस के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं. ताकि आप इसके झमेले से काफी हद तक बचे रहें.
क्या होता है स्पाइवेयर?
स्पाइवेयर एक जासूसी वायरस होता है. जो लगभग हर उन डिवाइसेस में जा सकता है, जो इंटरनेट से जुडी होती हैं. या उन डिवाइसेस में इंटरनेट का प्रयोग किया जाता है. इसे स्पाइवेयर इसलिए कहा जाता है, क्योंकि ये बिना आपसे पूछे आपके मोबाइल, लैपटॉप जैसी डिवाइसेस से आपकी जानकारी चोरी करता है और इस जानकारी को उस जगह तक पहुंचता है, जहां से इसे कंट्रोल किया जा रहा है.
स्पाइवेयर की शुरुआत कैसे हुई?
इसकी शुरुआत 1995 के आस-पास हुई, लेकिन ये लोगों की नजरों में सबसे पहले 2006 में आया. जब इस स्पाइवेयर को Internet Explorer और माइक्रोसॉफ्ट Windows Operating System में मौजूद पाया गया. जब इसके कारण Windows Operating System में कुछ तकनीकी गड़बड़ियां होने लगी. हालांकि बाद में microsoft कंपनी ने इसे सही कर लिया था.
स्पाइवेयर खतरनाक क्यों?
साधारण वायरस आपके सिस्टम (Computer) को नुकसान पहुँचाने के साथ-साथ फाइलों को करप्ट कर सकता है, लेकिन ये स्पाइवेयर आपकी डिवाइस में मौजूद जानकारी जैसे ऑनलाइन बैंकिंग पासवर्ड, एटीएम कार्ड नंबर, गोपनीय जानकारी वाले जरूरी डाक्यूमेंट्स को थर्ड-पार्टी को भेजता रहता है. जो कि बहुत बड़ी सुरक्षा में सेंध है. इस वजह से वायरस को खतरनाक श्रेणी में रखा जाता है.
स्पाइवेयर के प्रकार
ये वाइरस वैसे तो कई तरह के होते हैं लेकिन मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं-
- एडवेयर (Adware ),
- सिस्टम मॉनिटर्स (System monitors),
- ट्रैकिंग कुकीज़ (Tracking cookies),
- ट्रोजन्स (Trojans)
पेगासस वायरस क्या है?
इस वाइरस को इजराइल कंपनी Cyberarms Firm NSO Group ने लोगों की डिटेल्स (टेक्स्ट मैसेज, कॉल डिटेल और लोकेशन) मोबाइल से निकालकर, वायरस भेजने वाले के पास भेजता रहता है. इस वाइरस के बारे में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है, कि यह वाइरस हवा के जरिये भी मोबाइल को इनफेक्ट कर सकता है. ये वाइरस एंड्रॉइड और एपल के ऑपरेटिंग सिस्टम में आसानी से भेजा जा सकता है.
स्पाइवेयर के हमले से कैसे बचे
- अनऑथराइज्ड ईमेल को ओपन ना करें.
- बिना भरोसेमंद वाले सोर्सेज से फाइल डाउनलोड ना करें.
- पॉप-अप एडवर्टीजमेंट्स पर क्लिक न करें.
- अच्छी कंपनी का एंटीवायरस सॉफ्टवेयर ही उपयोग करें.