Sim Card: आजकल सभी ​मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं. मोबाइल फोन की शुरुआत कॉलिंग के लिए हुई थी समय के साथ ये और एडवांस होता गया और आज हम स्मार्टफोन के रूप में इसका मॉडर्न रूप इस्तेमाल करते हैं. लेकिन, इतने बदलाव के बाद भी इसका मुख्य काम कॉलिंग आज भी वैसे ही इसमें समाहित है. यह तो सभी जानते हैं कि कॉलिंग के लिए हमें इसमें सिम कार्ड (SIM Card) डालना पड़ता है. बिना सिम कार्ड के आप कॉलिंग नहीं कर सकते है. टेक्नोलॉजी के विकास के साथ ही सिम कार्ड ने भी अपने कई रूप बदले हैं. यहां तक कि आजकल आधुनिक Smartphones में E-SIM का इस्तेमाल होने लगा है. आज इस आर्टिकल में हम आपके साथ SIM Card से संबंधित जानकारी शेयर करेंगे. जैसे सिम कार्ड कैसे काम करता है? यह कितने प्रकार का होता है? इसका पूरा नाम क्या है? आइए जानते हैं...


सिम कार्ड क्या है और इसकी फुल फॉर्म
सिम कार्ड एक तरह का छोटा सा स्मार्ट कार्ड होता है. इसमें एक चिप लगी हुई होती है. जिसे इस्तेमाल करने के लिए GSM (Global System for Mobile) ​मोबाइल फोन में डालना पड़ता हैं. यह GSM ​मोबाइल फोन में सब्सक्राइबर्स के लिए डाटा को स्टोर करता हैं. सिम कार्ड में स्टोर डाटा में यूजर की पहचान, उसकी लोकेशन, फोन नंबर, सिक्योरिटी की, नेटवर्क ऑथराइजेशन, पर्सनल डाटा, ​मोबाइल कांटेक्ट लिस्ट और टेक्स्ट मैसेज आदि शामिल होते हैं. 


यूजर की कस्टमर ID की जानकारी भी Sim Card में ही होती है, न कि आपके मोबाइल फोन में. इसलिए आप अपने सिम को अलग-अलग GSM मोबाइल फोन में भी इस्तेमाल कर पाते हैं. सिम कार्ड केवल GSM मोबाइल फोन पर इस्तेमाल हो सकता है. CDMA (Code Division Multiple Access) मोबाइल होने पर केवल नए प्रकार के LTE Enable हैंडसेट में ही इसको इस्तेमाल किया जा सकता है. SIM कार्ड की फुल फॉर्म ग्राहक पहचान मॉड्यूल (Subscriber Identity Module) या ग्राहक पहचान मॉड्यूल (Subscriber Identification Module) होती है.


कैसे बनता है सिम कार्ड?
सिम कार्ड बनाने के लिये प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है. सबसे पहले प्लास्टिक का एक छोटा टुकड़ा बनाकर उसमे सिलिकॉन और एक चिप को फिट किया जाता है. उसके बाद उसे एक कोड के जरिए विभिन्न नेटवर्कों जैसे जियो, एयरटेल, आईडिया आदि से कनेक्ट किया जाता है. फिर जैसे ही आप इस सिम को मोबाइल में डालते हैं तो यह तुरंत अपने नेटवर्क से कनेक्ट हो जाता है.


कॉल कैसे होती है? 


एमटीएसओ लैंडलाइन सिस्टम - PSTN से जुड़े होते हैं. जब आप कॉल करते हैं तो आपका मोबाइल सिग्नल आपके पास के 'बेस स्टेशन' के एमटीएसओ तक जाता है, जो इसे पीएसटीएन में कन्वर्ट कर देता है. अब इसे जिस नंबर पर कॉल की गई है, उसके निकटतम एमटीएसओ तक ले जाया जाता है. इससे उस शख्स के फोन की घंटी बजती है. यह इतना जल्दी होता है कि आपको पता भी नहीं चलता है. 


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