Metro Train Technology: कई लोगों को यातायात की सुविधा प्रदान करने में मेट्रो रेल का बहुत बड़ा योगदान रहा है. मेट्रो में सफर करने से समय की बचत होती है, और ट्रैफिक में फंसने को समस्या खत्म हो जाती है. अब आगे बढ़ने से पहले जान लेते हैं कि यह मेट्रो क्या बबाल है? मेट्रो एक ऐसी ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम है, जिससे बहुत से लोग एक समय में एक जगह से दूसरी जगह बड़ी आसानी से यात्रा कर सकते हैं. मेट्रो ट्रेन को एमआरटीएस भी कहा जाता है.  ये बहुत ही कन्वेनिएंट, फास्ट, एफिशिएंट और रिलायबल जरिया है. इसमें ज्यादा उर्जा भी खर्च नहीं होती है. ये इलेक्ट्रिसिटी से चलती है इसलिए ये इस फ्रेंडली होती है और ये प्रदुषण नहीं फैलती है. 


कैसे चलती है Metro Train?


मेट्रो रेल इलेक्ट्रिसिटी से चलती है. मेट्रो डीसी शंट मोटर के प्रिंसिपल पर काम करती है. इसमें गियर का इस्तमाल नहीं होता है. मेट्रो में मुख्यत दो चीज़ें होती है एक माइक्रोकंट्रोलर और दूसरा वाइस रिकॉर्डर चिप स्पीकर. जब सिस्टम को पावर दी जाती है तब ट्रेन आगे बढ़ती है, और ये तब तक चलती रहती है. जब तक कोई RF Card को ट्रैक के नीचे रखा नहीं जाता. दरअसल, स्टेशन में Encoded RF Transmitter रखा जाता है. माइक्रोकंट्रोलर को इस प्रकार से प्रोग्राम किया जाता है कि सभी स्टेशन का नाम पहले से ही उस चिप में स्टोर कर दिया जाता है. सभी स्टेशन पर एक यूनिक कोड दिया जाता है.


जब भी ट्रेन उस स्टेशन पर पहुंचती है तो ट्रेन के रिसीवर को वह कोड मिलता है, जिसे की ट्रांसमीटर भेजता है और  माइक्रोकंट्रोलर रिसीव करता है. इसके बाद वो अपने Look Up Table में उस कोड को ढूंढता है. अगर कोड मिल जाता है तो कंट्रोलर आवाज को बजने को निर्देशित करता है. आवाज 6 सेकंड्स के लिए होती है. ट्रेन रुक जाती है. ट्रेन करीब 10 सेकंड के लिए खड़ी होती है. फिर दूसरी अनाउंसमेंट ट्रेन चलने की होती है और ट्रेन आगे बढ जाती है.


आज की मेट्रो है काफी मॉडर्न


आजकल तो ट्रेन के अन्दर एलसीडी मॉड्यूल को इंस्टॉल कर दिया गया है यात्रियों के सुविधा के लिए स्क्रीन में आने वाले स्टेशनों के नाम पहले से ही दिख जाते हैं. अभी की मेट्रो काफी मॉडर्न है इसमें लेटेस्ट टेक्नोलॉजी जैसे सेंट्रलाइज्ड ऑटोमैटिक ट्रेन कंट्रोल (CATC), ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशनल (ATO), ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) और ऑटोमैटिक ट्रेन सिग्नलिंग (ATS) सिस्टम की सुविधा इंस्टॉल की गई है. अनाउंसमेंट और स्टेशनों के नाम के साथ साथ अब रूट मैप्स को एलसीडी स्क्रीन में दिखाया जा रहा है.


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