लाल, नीला, हरा, पीला.. एक ही बल्ब इतने रंगों की रोशनी कैसे निकाल लेता है? दिलचस्प है LED की ये टेक्नोलॉजी
एलईडी एक सेमीकंडक्टर लाइट सोर्स डिवाइस है. यह करेंट के ज़रिए रोशनी उत्पन्न करता है. जब एलईडी को बिजली दी जाती है तो करेंट एलईडी से होकर गुजरता है.
LED Light: LED का पूरा नाम Light-Emitting Diode होता है. आज के समय में एलईडी लाइट्स का काफी इस्तेमाल किया जा रहा है. त्योहारों, शादियों, पार्टी लगभग हर जगह LED Light का इस्तेमाल हो रहा है. इनमें भी रंग -बिरंगी एलईडी लाइट्स तो काफी चलन में हैं. एक ही एलईडी बल्ब या लाइट कई रंग पैदा कर देता है. इनसे लाल, नीला, हरा, पीला या सफेद कोई भी रंग उत्पन्न कराया जा सकता है. यही वजह है कि लोगो को ये लाइट्स काफी पसंद आ रही हैं. ऐसे में एक सवाल मन में आता है कि एक ही बल्ब इतने रंगों की रोशनी कैसे निकाल लेता है? आज की इस खबर में हम एलईडी से जुड़े इसी तरह के सवालों के जवाब खोजने जा रहे हैं.
एलईडी से कैसे निकलती है रोशनी?
एलईडी एक सेमीकंडक्टर लाइट सोर्स डिवाइस है. यह करेंट के ज़रिए रोशनी उत्पन्न करता है. जब एलईडी को बिजली दी जाती है तो करेंट एलईडी से होकर गुजरता है. करेंट गुजरने पर इसके अंदर जो इलेक्ट्रोंस और होल्स पार्टिकल्स होते हैं वह एक दूसरे के साथ जुड़ जाते हैं जिससे रोशनी उत्पन्न होती है.
इसलिए मिलते हैं अलग- अलग रंग
1. सफेद एलईडी
एलईडी लाइट में सफेद रंग दो तरह से बनता है. पहला तरीका है - तीन रंग लाल, हरा और नीला को एडजस्ट किया जाता है, और दूसरा है - Fluorescent, जिसमें एक फॉस्फोर की कोटिंग रंगीन प्रकाश को दूसरे रंगीन प्रकाश में बदल देती है.
2. ब्लू एलईडी
सफेद एलईडी को ब्लू एलईडी में बदलने के लिए बल्ब में एक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जिसका नाम है Fluorescent Chemical. इसे गैलियम नाइट्राइड भी कहा जाता है. ब्लू एलईडी को एंटी बैक्टीरिया के लिए सबसे अच्छी एलईडी माना जाता है.
3. लाल एलईडी
लाल एलईडी में इस्तेमाल किए जाने वाले मैटेरियल को गैलियम आर्सेनाइड फास्फोरस (GaAsP) कहा जाता है. यह एक सेमीकंडक्टर मैटेरियल होता है.
4. ग्रीन एलईडी
ब्लू एलईडी को ग्रीन में बदला जा सकता है. इसके लिए फॉस्फोर का इस्तेमाल किया जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि हाई स्पेक्ट्रम एनर्जी को कम एनर्जी में बदलने के लिए फॉस्फोर का इस्तेमाल किया जाता है.
5. रंग बदलने वाला एलईडी
आपने कुछ एलईडी को एक के बाद एक अलग-अलग रंग बदलते देखा होगा. इस तरह के एलईडी को अधिकतर सजावटी पर्पस के किए रखा जाता है. दरअसल, ये एलईडी एक अलग वेवलेंथ पर फोटोन निकालते हैं. इसी वजह से ये फोटोंस रंगीन रोशनी के रूप में दिखते हैं. हालांकि सभी रंग तीन रंगो लाल, नीले और हरे रंग से निकलते हैं. चलिए इसे एक एग्जांपल से, और आसान भाषा में समझाते हैं. 2 लाइट के वेवलेंथ को मिलाकर एक दूसरा रंग बनाया जाता है. जैसे :- हरे और लाल रंगों को मिलाकर पीला रंग बनता है. इसमें लाल रंग के मात्रा बढ़ा दी जाए तो नारंगी रंग बनता है.
यह भी पढ़ें-
जानें वो कौनसे पांच फीचर हैं, जो 2023 में वॉट्सऐप पर देखने को मिल सकते हैं