Smartphone Tricks: स्मार्टफोन हम इंसानों के लिए एक वरदान हो सकता है लेकिन यह सूचना और संवेदनशील डेटा का एंट्री गेट भी है जिसका गलत हाथों में पड़ने पर दुरुपयोग किया जा सकता है. स्पाइवेयर और संभावित मैलवेयर से सुरक्षित रहने के लिए, साइबर सुरक्षा से संबंधित अमेरिकी सरकार की एजेंसी, नेशनल काउंटरइंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी सेंटर (NCSC) ने एक बुलेटिन जारी किया ताकि यूजर्स को सर्विलांस टूल्स से अधिक जागरूक और सुरक्षित रहने में मदद मिल सके. एनसीएससी ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कंपनियां और व्यक्ति सरकारों और अन्य संस्थाओं को कमर्शियल सर्विलास टूल बेच रहे हैं जिन्होंने उनका उपयोग दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए किया है. 



एक सर्विलांस टूल क्या कर सकता है?



  • ये टूल फोन कॉल सहित ऑडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं.

  • फोन की लोकेशन ट्रैक कर सकते हैं.

  • टेक्स्ट मैसेज, फाइल्स, चैट्स, कमर्शियल मैसेजिंग ऐप कंटेंट, कॉन्टैक्ट्स और ब्राउजिंग हिस्ट्री सहित फोन पर लगभग सभी कंटेंट को एक्सेस और रिट्रीव कर सकते हैं.


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ऐसे निगरानी उपकरणों के बारे में क्या किया जा सकता है?



  • हालांकि यह जानना कठिन है कि क्या आपको विशेष रूप से टारगेट किया जा रहा है, एजेंसी द्वारा लिस्ट कुछ स्टेप हैं जिनका फॉलो करके कोई भी भविष्य में सुरक्षित रह सकता है.

  • डिवाइस ऑपरेटिंग सिस्टम और मोबाइल एप्लिकेशन को नियमित रूप से अपडेट करें.

  • जिन लोगों को आप नहीं जानते उनके द्वारा भेजे गए लिंक या अटैचमेंट को ओपन करने से बचें.

  • संदिग्ध लिंक या संदिग्ध ईमेल और अटैचमेंट पर क्लिक न करें.

  • लिंक पर क्लिक करने से पहले यूआरएल की चेक करें या सीधे वेबसाइट पर जाएं.

  • मोबाइल डिवाइस को नियमित रूप से रीस्टार्ट करें, जो मैलवेयर को नुकसान पहुंचाने या हटाने में मदद कर सकते हैं.

  • एन्क्रिप्ट और पासवर्ड से अपने डिवाइस को सुरक्षित रखें.

  • जब भी संभव हो अपने डिवाइस का फिजिकल कंट्रोल बनाए रखें.

  • विश्वसनीय वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का उपयोग करें.

  • डिवाइस पर जियोलोकेशन ऑप्शन और कवर कैमरा डिसेबल करें.


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एजेंसी ने दावा किया है कि ये पॉइंटर्स यूजर्स को सुरक्षित रहने में मदद करेंगे, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि हैक होने की स्थिति में वे आपकी सुरक्षा करेंगे. सुरक्षित रहने के लिए, संवेदनशील डेटा से सावधान रहने की सलाह दी जाती है और यह भी मान लिया जाता है कि डिवाइस में पहले से ही छेड़छाड़ की गई है.


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