एक समय ऐसा था कि भारत सिर्फ मोबाइल को इंपोर्ट करता (दूसरे देशों से खरीदता) था, लेकिन अब भारत में कई स्मार्टफोन को मैन्युफैक्चर किया जा रहा है. इसकी वजह से अब भारत स्मार्टफोन को एक्सपोर्ट करने लगा है. इसी सिलसिले में भारतीय रेलवे मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा, "10 साल पहले देश में जितने मोबाइल फोन यूज होते थे उनमें से 99% इंपोर्टेड होते थे, लेकिन आज 99% मेड इन इंडिया हैं." उन्होंने आगे कहा कि इस साल भारत 10 बिलियन डॉलर (82 हजार करोड़) के स्मार्टफोन एक्सपोर्ट करने वाला है, क्योंकि अब इकोसिस्टम भारत में शिफ्ट हो रहा है. 


यह बातें रेलवे मिनिस्टर ने ABP Network के Ideas of India Summit 2023 में एक इंटरव्यू के दौरान कहीं हैं. अगर आप उन्हें सुनना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर 39 मिनट से सुन सकते हैं. 



मौजूदा वक्त में भारत का मोबाइल एक्सपोर्ट


सरकार का कहना है कि साल 2023 में चीन नहीं Made in India स्मार्टफोन का जलवा होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2023 में मेड इन इंडिया स्मार्टफोन के लिए प्लान भी बनाया है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने बताया था कि भारतीय सरकार स्मार्टफोन के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग पर जोर दे रही है. वैसे अगर सटीक आंकड़ों की बात की जाए तो मौजूदा वक्त में भारत में मोबाइल एक्सपोर्ट लगभग 45,000 करोड़ रुपये का है. इस मार्केट में भी अधिकतर एपल और सैमसंग का जलवा है.


क्या कहती है CLCINA की रिपोर्ट?


CLCINA की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट की डिमांड साल 2020-21 में 32 बिलियन डॉलर  (लगभग 2.65 लाख करोड़ रुपये) रही है, जो इस साल 70 बिलियन डॉलर (लगभग 5.8 लाख करोड़ रुपये) होगी. इसमें लोकल मैन्युफैक्चरिंग 10 बिलियन डॉलर  (82,000 करोड़ रुपये) है.


सरकार की तरफ से 14 कंपनियों को आईटी हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग के लिए चुना गया है. इसके अलावा सरकार सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दे रही है. भारत भी आईटी हार्डवेयर और सर्विस में तेजी से इजाफा करना चाहता है. हालांकि इस एरिया में अभी चीन, ताइवान जैसे देशों का दबदबा है.


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