केंद्र की मोदी सरकार ने 138 साल पुराने इंडियन टेलीग्रॉफ एक्ट को बदलने के लिए सोमवार यानि 18 दिसंबर 2023 को लोकसभा में भारतीय दूरसंचार विधेयक 2023 (The Telecommunications Bill 2023) को पेश कर दिया है. पास होने पर टेलीकॉम सेक्टर के लिए नया कानून बन जाएगा. इस बिल में सरकार ने सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी के बजाय लाइसेंसिंग अप्रोच की बात कही है. यानि नीलामी के बजाय सरकार लाइसेंस देगी. इससे एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को फायदा होने वाला है. जानिए कैसे?


एलन मस्क को होगा फायदा


दरअसल, एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेस के स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी के बजाए लाइसेंसिंग पर जोर दे रही थी. कंपनी ने कहा कि लाइसेंसिंग अप्रोच ठीक है और इससे उनकी लागत और निवेश पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. विदेश की सभी कंपनियों ने इस बात पर जोर दिया था. एलन मस्क के अलावा इस बिल से अमेज़ॅन के प्रोजेक्ट कुइपर, और ब्रिटिश सरकार समर्थित वनवेब भी बेहद खुश है.


जियो को ऐसे लगेगा झटका


हालांकि रिलायंस जियो ने 5G स्पेक्ट्रम के भांति नीलामी पर जोर दिया था क्योकि कंपनी का कहना था कि यदि विदेशी कंपनी डेटा और वॉइस सर्विस देना शुरू करती हैं तो इससे ट्रेडिशनल प्लेयर्स को नुकसान होगा और एक समान अवसर हासिल करने के लिए नीलामी होनी चाहिए. हालांकि नए बिल में सरकार ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी के बजाय लाइसेंसिंग की बात कही है जिससे जियो को जोरदार झटका लगा है. 


2030 तक 1.9 बिलियन डॉलर पहुंच जाएगी ब्रॉडबैंड सर्विस मार्केट


डेलॉइट के अनुसार, भारत का सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा बाजार 2030 तक 36% प्रति वर्ष बढ़कर 1.9 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. हर साल इस मार्केट में जोरदार इज़ाफ़ा देखा जा रहा है और कई नए प्लेयर्स इसमें एंट्री कर रहे हैं.


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