Airtel के मोबाइल एप में मिला खतरनाक बग, यूजर्स की पर्सनल डिटेल्स हैक होने का खतरा
एयरटेल के मोबाइल ऐप के एप्लिकेशन प्रोग्राम इंटरफेस (एपीआई) में खोजे गए बग का उपयोग हैकर्स द्वारा ग्राहकों की जानकारी का उपयोग करने के लिए किया जा सकता था. उस जानकारी में नाम, ईमेल, जन्मदिन और पते जैसी चीजें शामिल थीं.
नई दिल्ली: भारत के तीसरे सबसे बड़े मोबाइल नेटवर्क एयरटेल में एक बग पाया गया. ये बग इतना खतरनाक है कि इसके जरिए 300 मिलियन से ज्यादा यूजर्स का पर्सनल डाटा लीक होने की संभावना रहती है. एयरटेल के मोबाइल ऐप के एप्लिकेशन प्रोग्राम इंटरफेस (एपीआई) में खोजे गए बग का उपयोग हैकर्स द्वारा ग्राहकों की जानकारी का उपयोग करने के लिए किया जा सकता है. उस जानकारी में नाम, ईमेल, जन्मदिन और पते जैसी चीजें शामिल हैं.
एयरटेल के एक प्रवक्ता ने एक इंटरव्यू में कहा, "हमारे एक परीक्षण एपीआई में एक तकनीकी समस्या थी, जिसके बारे में हमें जैसे ही पता चला हमने उस पर काम करना शुरु कर दिया." उन्होंने आगे कहा कि, एयरटेल के डिजिटल प्लेटफॉर्म अत्यधिक सुरक्षित हैं. ग्राहक की गोपनीयता हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है और हम अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सबसे अच्छा समाधान करते हैं."
एक इंडिपेंडेंट सिक्योरिटी रिसर्चर एहराज़ अहमद ने कहा, "मुझे इस एप की इस खामी को ढूंढने में 15 मिनट का समय लगा. पर्सनल डेटा के साथ, ग्राहकों के इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटि (IMEI) नंबर भी उपलब्ध थे. IMEI नंबर हर मोबाइल डिवाइस के लिए एक यूनिक न्यूमेरिकल आईडेंटिफायर होता है."
यह कितना गंभीर हो सकता था?
टेलीकॉम रेगूलेरिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की रिपोर्ट के अनुसार, एयरटेल के पास सितंबर 2019 के अंत तक 325 मिलियन सक्रिय ग्राहक थे. इसके पास वोडाफोन-आइडिया (372 मिलियन) और रिलायंस जियो (355 मिलियन) के बाद तीसरा सबसे बड़ा ग्राहक आधार है. इस साल अक्टूबर में जस्टडायल नाम की एक लोकल सर्च सर्विस को इसके एपीआई में खामी पाई गई. जो भारत में संभावित रूप से 156 मिलियन उपयोगकर्ताओं को प्रभावित कर सकता था.
कानून क्या कहता है?
भारत के पास कोई विशेष कानून नहीं है जो डेटा सुरक्षा से संबंधित है. हालांकि, यूरोपियन यूनियन के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR) के अनुरूप, सरकार ने 2018 में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल नाम से एक मसौदा पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन लॉ पेश किया. इसने दंड, क्षतिपूर्ति और आचार संहिता के साथ-साथ व्यक्तिगत डेटा के कलेक्शन, प्रोसेसर, स्टोरेज पर प्रस्तावित नियम बनाए.
पिछली 4 दिसंबर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली संघीय कैबिनेट ने व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को एक कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, "बिल के बारे में अधिक विवरण साझा नहीं कर पाएंगे क्योंकि इसे जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा."
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