सरकार ने सीमाई इलाकों में कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करते हुए लद्दाख के कई रिमोट इलाकों को 4G नेटवर्क से जोड़ दिया है. इनमें गलवान और डेमचोक जैसे इलाके भी शामिल हैं, जो चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थित है. अब इन गांवों में लोग 4G नेटवर्क का फायदा उठा पाएंगे. भारतीय सेना ने एयरटेल के साथ मिलकर कारगिल, सियाचिन, दौलत बेग ओल्डी, गलवान और डेमचोक आदि महत्वपूर्ण जगहों पर 42 4G टावर लगाए हैं.


ऑनलाइन एजुकेशन से लेकर दूसरे कई काम होंगे आसान


रिमोट इलाकों में 4G कनेक्टिविटी पहुंचने से वहां रहने वाले लोगों और सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को कई फायदे होंगे. सेना के अधिकारी ने इस पहल को गेमचेंज बताते हुए कहा कि 4G कनेक्टिविटी से ऑनलाइन एजुकेशन में नए मौके बनेंगे. इसकी वजह से लोगों को सरकारी सेवाओं का एक्सेस मिलेगा, जिससे इलाके में आर्थिक विकास होगा. इससे लद्दाख में पर्यटन भी बढ़ेगा. 


बता दें कि लद्दाख में कई रिमोट इलाके ऐसे हैं, जहां पहुंचना बहुत मुश्किल है. 4G कनेक्टिविटी आने के बाद ये इलाके भी इंटरनेट से जुड़ी सुविधाओं का लाभ ले पाएंगे. 


स्टारलिंक भी आसान करेगी रिमोट इलाकों में इंटरनेट एक्सेस


अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भी भारत में लॉन्च होने के लिए तैयार है. यह कंपनी सैटेलाइट की मदद से इंटरनेट प्रदान करती है. यह टावर या वायर समेत किसी भी जमीनी इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं होती. यह रिमोट इलाकों में इंटरनेट की पहुंच आसान कर देगी. भारत में अगले महीने तक इसकी सर्विस लॉन्च हो सकती है. आगे चलकर जियो और एयरटेल भी ऐसी सर्विस शुरू करने वाली है.


स्पेक्ट्रम आवंटन की हो चुकी है सिफारिश


टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI ने दूरसंचार विभाग को स्पेक्ट्रम आवंटन की सिफारिश भेज दी है. आवंटन होने के बाद स्टारलिंक भारत मे अपनी सर्विस लॉन्च कर देगी. जियो और एयरटेल भी इस दिशा में अपनी कागजी कार्रवाई पूरी कर चुकी हैं.


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