Deepfake वीडियो बनाने वालों की अब लगेगी क्लास, AI को रेगुलेट करने की तैयारी में सरकार
Government against Deepfake: भारत सरकार एआई को रेगुलेट करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार कर रही है, जिसके जरिए डीपफेक वीडियो बनाने वाले लोगों पर लगाम लगाई जा सकेगी.
Deepfake Technology: डीपफेक टेक्नोलॉजी के बारे में आपने आजकल काफी कुछ सुना होगा. दरअसल, यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से किसी भी इंसान का एक नकली रूप तैयार किया जा सकता है, जो दिखने, बोलने, सुनने, हाव-भाव से लगभग असली इंसान जैसा ही लगता है. इस खतरनाक टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग करके दुनियाभर के बहुत सारे साइबर अपराधी धोखाधड़ी कर रहे हैं.
डीपफेक के खिलाफ सरकार का प्लान
भारत में भी इस टेक्नोलॉजी ने कई बड़े-बड़े लोगों को भी अपना निशाना बनाया है, जिसमें एक्ट्रेस रश्मिका मंधाना से लेकर सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली भी शामिल हैं. इन सभी के नकली रूप बनाकर वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल किया जाता है, ताकि उनके नाम पर आम लोगों को धोखा देकर उनके साथ ठगी को अंजाम दे सकें. इस वजह से दुनियाभर की दिग्गज टेक कंपनियों के साथ-साथ सरकारों ने भी इस समस्या को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है. भारत सरकार भी डीपफेक टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग से काफी चिंता में हैं, और इसके लिए एक एक्शन प्लान तैयार कर रही है.
भारत सरकार एआई को रेगूलेट करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए सरकार एक फ्रेमवर्क बना रही है, जिसका ड्राफ्ट जून-जुलाई तक पेश किया जा सकता है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने नई दिल्ली में आयोजित एक इवेंट के दौरान इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि "सरकार एक फ्रेमवर्क तैयार कर रही है, जिसके जरिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को रेगुलेट किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एआई इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए काफी फायदेमंद है, लेकिन इससे होने वाले दुरुपयोग को रोखने की सख्त जरूरत है."
केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि "हमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल देश के आर्थिक विकास और देश में होने वाले संभावित नुकसानों या आपदाओं की समस्या का हल करने के लिए करना है." आपको बता दें कि इससे पहले सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी हिदायत दी थी कि उनके प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी तरह का डीपफेक वीडियो या अफवाह नहीं फैलाई जानी चाहिए.
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट के जरिए डीपफेक वीडियो के खिलाफ व्हाट्सऐप और एमसीए (मिसइंफॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस) के द्वारा मिलकर जारी किए जाने वाले व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर की भी बात कही थी.
आपको बता दें कि मेटा और एमसीए ने मिलकर एक व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर जारी करने का फैसला किया है, जिसके जरिए यूज़र्स डीपफेक जैसी किसी भी गलत वीडियो या अफवाह के बारे में रिपोर्ट कर पाएंगे और उसके बाद एमसीए की टीम उस रिपोर्ट की जांच करके एक्शन लेगा.
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