डीपडेक वीडियो के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते दिन कहा कि सरकारी अधिकारियों और प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के बीच एक मीटिंग अगले 3 से 4 दिनों के बीच होगी. इस मीटिंग में डीपफेक वीडियो के लिए नियमों और कैसे इसपर काबू पाया जा सकता है, इसपर सभी चर्चा करेंगे. केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि यदि प्लेटफॉर्म डीपफेक के प्रसार से निपटने के लिए पर्याप्त उपाय करने में विफल रहे तो सुरक्षित हार्बर प्रतिरक्षा की सुरक्षा कवच को रद्द कर दिया जाएगा. यानि सोशल मीडिया कंपनियों को जो छूट प्राप्त है उसे खत्म कर दिया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार ने सभी प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों को एक नोटिस भेजा है जिसमें उनसे प्लेटफॉर्म पर डीपफेक वीडियो पर एक्शन लेने और इसे हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा की कंपनियों ने नोटिस का जवाब दिया है और सभी इसपर काम कर रहे हैं. हाल ही में पीएम मोदी ने भी AI के गलत इस्तेमाल पर प्रकाश डाला था और मीडिया संस्थानो से लोगों को इस बारे में जागरूक करने के लिए कहा था. उन्होंने कहा कि सरकार AI पर कानून बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और ओपन एआई के साथ भी इस विषय में बातचीत जारी है.
मीटिंग में गूगल और मेटा जैसी बड़ी कंपनियां होंगी शामिल
अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों को दिए एक बयान में कहा कि सरकार ने जो नोटिस भेजा है उसपर कंपनियां कदम उठा रही है. लेकिन हमें लगता है कि कई और कदम उठाने होंगे और हम बहुत जल्द सभी प्लेटफार्मों की एक बैठक करने जा रहे हैं...शायद अगले 3-4 दिनों में सरकार बैठक करेगी. इस बैठक में सभी विचारों पर मंथन किया जाएगा और AI के गलत इस्तेमाल को कैसे कम किया जा सकता है, इसपर चर्चा की जाएगी. साथ ही AI कैसे इंसानो के लिए फायदेमंद रहे इसपर भी बातचीत होगी.
*सुरक्षित हार्बर प्रतिरक्षा के तहत किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को यूजर्स द्वारा उस पर पोस्ट की गई सामग्री के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. लेकिन यदि कंपनियां डीपफेक पर कोई एक्शन नहीं लेती तो उनसे ये छूट वापस ले ली जाएगी और इस फिर कंपनी को भी जिम्मेदार माना जाएगा.
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