IVR Scam से लोगों को चूना लगा रहे स्कैमर्स, ऐसे करें नकली कॉल की पहचान, इन तरीकों से खुद को रखें सुरक्षित
लोगों को ठगने के लिए स्कैमर्स नए-नए तरीके आजमा रहे हैं. हालिया दिनों में IVR Scam बढ़े हैं, जिसमें स्कैमर्स नकली IVR से कॉल करते हैं और लोगों को ठग लेते हैं.

टेक्नोलॉजी की मदद से स्कैमर्स लोगों को ठगने के नए-नए तरीके निकाल रहे हैं. अब स्कैमर्स ने नकली इंटरेक्टिव वॉइस रिस्पॉन्स (IVR) स्कैम से लोगों को चूना लगाना शुरू कर दिया है. दरअसल, IVR एक ऑटोमैटेड फोन सिस्टम होता है. इसे टेलीकॉम कंपनियां और बैंक आदि इस्तेमाल करते हैं. यह कमांड या कीपैड इनपुट जैसे "भाषा चुनने के लिए 1 दबाएं" या "बैंक बैलेंस की जानकारी के लिए 2 दबाएं" आदि पर सर्विसेस प्रदान करता है. अब स्कैमर्स ने इसकी मदद से स्कैम करने का तरीका निकाल लिया है.
बेंगलुरू में महिला हुई ठगी का शिकार
बेंगलुरू में हाल ही में एक महिला नकली IVR स्कैम के जाल में फंस गई और 2 लाख रुपये की चपत लगी. दरअसल, महिला के पास एक फोन आया था, जो उसके बैंक के IVR की तरह था. इस कॉल में उसे बताया गया कि उसके खाते से 2 लाख रुपये ट्रांसफर किए जा रहे हैं. इस ट्रांसफर को रोकने के लिए महिला को कोई बटन दबाने को कहा गया. जैसे ही उसने बटन प्रेस की, उसके खाते से दो लाख रुपये उड़ गए. महिला ने बैंक और पुलिस को इसकी शिकायत दी है.
नकली IVR कॉल को कैसे पहचानें?
नकली IVR कॉल की पहचान करना बहुत आसान है. दरअसल, असली IVR के दौरान आपसे कभी भी OTP और पासवर्ड जैसी संवेदनशील जानकारियां नहीं पूछी जाएंगी. अगर कोई आपसे ऐसी संवेदनशील जानकारी मांगता है तो आपको सतर्क हो जाने की जरूरत है. इसके अलावा स्कैमर्स आप पर जल्दबाजी के लिए दबाव डालेंगे, लेकिन असली कॉल पर ऐसा नहीं किया जाता. साथ ही फेक IVR कॉल में आपको डराने की कोशिश की जाती है. अगर किसी कॉल के दौरान आपको शक हो रहा है तो तुरंत फोन काट दें.
IVR स्कैम से कैसे बचें?
- ऐसी किसी भी कॉल पर अपनी संवेदनशील जानकारी शेयर न करें.
- ट्रांजेक्शन वेरिफाई करने के लिए SMS और ईमेल नोटिफिकेशन इनेबल कर लें.
- स्पैम कॉल रोकने के लिए डू नॉट डिस्टर्ब (DND) सर्विस एक्टिवेट कर ले.
- किसी भी फ्रॉड की स्थिति में तुरंत पुलिस और दूसरी जांच एजेंसियों से संपर्क करें.
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