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Jio 6th Anniversary: इन 6 पॉइंट्स में जानें जियो ने इन 6 सालों में क्या-क्या बदला?
Jio वॉयस कॉलिंग के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाया है. देश में जियो ने आउटगोइंग वॉयस कॉल को फ्री किया, जिससे कॉलिंग आसान हो गई. मोबाइल बिलों में भी काफी कमी आई.
Jio Anniversary 2022: टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) 5 सितंबर 2022 को अपने लॉन्च की छठी एनिवर्सरी मानने जा रही है. इन छह सालो में टेलीकॉम इंडस्ट्री ने औसतन प्रतिव्यक्ति प्रतिमाह डाटा की खपत में 100 गुना से भी अधिक की वृद्धि हासिल की है. ट्राई (TRAI) के मुताबिक, जियो के लॉन्च से पहले हर भारतीय ग्राहक एक महीने में मात्र 154 एमबी डाटा इस्तेमाल किया करता था. अब डाटा खपत का आंकड़ा 100 गुना बढ़कर 15.8 जीबी प्रतिमाह प्रतिग्राहक के स्तर पर पहुंच चुका है. जियो यूजर्स हर महीने करीब 20 जीबी डाटा इस्तेमाल कर रहे हैं, जो इंडस्ट्री के आंकड़े से कहीं ज्यादा अधिक है.
इन छह साल में क्या बदला?
- जियो (Jio) वॉयस कॉलिंग के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाया है. देश में जियो ने आउटगोइंग वॉयस कॉल को फ्री किया, जिससे कॉलिंग आसान हो गई. मोबाइल बिलों में भी काफी कमी आई. जियो के आउटगोइंग कॉल फ्री करने से बाकी ऑपरेटरों पर भी दवाब बना और उन्हें भी अपनी स्ट्रेटजी में बदलाव कर दाम कम करने पड़े.
- पिछले छह सालों में ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर 19.23 करोड़ से बढ़कर करीब 80 करोड़ हो चुके हैं. वहीं औसत इंटरनेट स्पीड भी पांच गुना बढ़कर 5.6 Mbps से 23.16 Mbps पहुंच चुकी है.
- भारत में न केवल डाटा की खपत सबसे अधिक हो रही है, बल्कि डाटा की कीमतें भी पहले के मुकाबले काफी कम हैं. जियो के लॉन्च के समय देश में एक जीबी डाटा की कीमत करीब 250 रुपये थी, जो अब 13 रुपये प्रति जीबी हो चुकी है. इसका मतलब डाटा की कीमतों में छह साल में करीब 95 फीसदी की गिरावट आई हैं.
- रिलायंस जियो ने भारत में डिजिटल प्लेटफॉर्म को बढ़ावा दिया. जियो के लॉन्च के वक्त यूपीआई से केवल 32.64 करोड़ का ट्रांजैक्शन होता था, जबकि अगस्त 2022 में इसमें भारी इजाफा देखने को मिला है. आज देश में यूपीआई से 10.72 लाख करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन किया जाता है.
- भारत अब 105 यूनीकॉर्न कंपनियों (1 अरब डॉलर से अधिक नेटवर्थ वाली कंपनी को यूनीकॉर्न कहा जाता है.) का घर बन चुका है, जिनका वैल्यूएशन 338 अरब डॉलर से भी ज्यादा है. वहीं, छह साल पहले भारत में केवल 4 यूनिकॉर्न कंपनियां ही थीं.
- जियोफाइबर से वर्क फ्रॉम होम, क्लास फ्रॉम होम या ई-शॉपिंग जैसी एक्टिविटी में सहायता मिली है. तीन सालों में ही जियोफाइबर (Jio Fibre) ने 70 लाख परिसर जोड़ें हैं. पिछले कुछ सालो में उभरी अनेकों इंटरनेट, ई-कॉमर्स, होम डिलिवरी और एंटरटेनमेंट कंपनियों ने हजारों-लाखों को रोजगार दिया है.
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डॉ आस्था आहूजाएसोसिएट प्रोफेसर, आर्यभट्ट कॉलेज
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