Satellite Network के दिन अब दूर नहीं! Jio ने उठाया ये बड़ा कदम, TRAI के सामने रखी मांग
Jio ने कहा कि ट्राई अपने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम प्राइसिंग को लेकर कंसल्टेशन पेपर पर दोबारा सोचे. जियो का मानना है कि इन पेपर्स से टेरेस्ट्रियल और सैटेलाइट नेटवर्क प्रोवाइडर्स के बीच तालमेल नहीं बैठता.
सैटेलाइट नेटवर्क लाने पर कंपनियों की ओर से बड़े कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है. अब ऐसी ही खबर रिलायंस जियो से निकलकर सामने आ रही है. दरअसल, भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर ने TRAI को इस संबंध में जवाब दिया है. दरअसल, जियो ने कहा कि ट्राई अपने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम प्राइसिंग को लेकर कंसल्टेशन पेपर पर दोबारा विचार करे. जियो का मानना है कि इन पेपर्स से टेरेस्ट्रियल और सैटेलाइट नेटवर्क प्रोवाइडर्स के बीच तालमेल नहीं बैठता है.
इतना ही नहीं, टेलीकॉम ऑपरेटर की तरफ से एयरवेव के एलोकेशन को लेकर भी सवाल किया गया है. सेटेलाइट प्लेयर्स को स्पेक्ट्रम देने पर पुरजोर विरोध किया गया है. जियो का कहना है कि अगर कोई सैटेलाइट नेटवर्क का इस्तेमाल कमर्शियल यूज के लिए करना चाहता है तो उसे नीलामी के रास्ते ही देने चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं करने से काफी नुकसान होता है. इसका अर्ध है कि जियो की तरफ से सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी को गंभीरता से लिया जा रहा है.
इससे पहले कंपनियों ने किया था विरोध
इससे पहले Satcom कंपनियों की ओर से नीलामी के ऑप्शन का विरोध किया गया था. उनका कहना था कि ये प्रोसेस उनके बिजनेस के लिए ठीक नहीं बैठता है. ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जियो ने ट्राई को लिखा है कि यह परामर्श पत्र और इसकी परिणामी सिफारिशें कानूनी चुनौतियों के प्रति संवेदनशील हैं. खासतौर पर इसलिए क्योंकि ह DoT के संदर्भ में उल्लिखित मुद्दे को संबोधित करने में विफल है.
DoT ने TRAI को दिए ये निर्देश
DoT ने TRAI को कहा है कि अभी इन सभी मुद्दों पर विचार करना चाहिए. दरअसल, जियो चाहती है कि बिना नीलामी ये स्पेक्ट्रम किसी को न मिले. इसके लिए सभी कंपनियों की तरफ से प्रोसेस करना चाहिए. बता दें कि सैटेलाइट नेटवर्क की रेस में ग्लोबल मार्केट में सबसे ऊपर एलन मस्क का नाम है, जिनकी तरफ से इस पर पूरा फोकस किया जा रहा है.
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