Highcourt Slams Centre Government on Account Blocking: कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से पिछले साल बैन किए गए 39 ट्विटर अकाउंट का कारण पूछा है. साथ ही कोर्ट ने हाईकोर्ट और सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर से ये बताने को कहा कि कैसे और कब किसी पोस्ट या अकाउंट को बैन किया जाता है. दरअसल, सोमवार को कर्नाटक हाईकोर्ट इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विभिन्न आदेशों को चुनौती देने वाली ट्विटर की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की पीठ ने सरकार के वकीलों से कई सवाल पूछे. 


कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकार के वकीलों से पूछा कि आखिर ऐसी क्या वजह थी जिसकी वजह से आपको इन अकाउंट को बैन करना पड़ा. साथ ही ऐसा क्या रीजन है जिसे आपने सार्वजनिक नहीं किया जबकि धारा 69A कारणों को रिकॉर्ड करने की अनुमति या सार्वजनिक रखने की बात कहती है.


दर्ज कराना होगा जवाब


हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना जवाब कोर्ट में दर्ज कराने के लिए कहा है कि आखिर क्यों इन अकाउंट को बैन किया गया. साथ ही अदालत ने ये भी कहा कि जब पूरी दुनिया पारदर्शिता की ओर बढ़ रही है तो ऐसे में जानकारी को सार्वजनिक रखना जरूरी है. कोर्ट ने कहा कि यदि ये संप्रभुता से जुड़ा होता तो ये समझा जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं है. हाईकोर्ट ने सरकार को से कहा कि पहले सरकार ने कंपनी को मीटिंग के लिए कहा और जब कंपनी की ओर से कारण बताए गए तो उन्हें सरकार ने नकारते हुए सीधे अकाउंट को बैन करने का ऑर्डर दे दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि क्या कंपनी को ये जानने का अधिकार नहीं है कि क्यों आप उनके द्वारा दिए गए कारणों से सहमत नहीं हुए. अब इस मामलें में अगली सुनवाई कल यानि बुधवार को होनी है.


बता दें, सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने पिछले साल जून 2022 में इस मामले में हाई कोर्ट का रुख किया था. 


यह भी पढ़ें


AI Application: एंड्रॉइड फोन में रखिए ये 5 AI ऐप्स, सेकंड्स में होंगे कई काम