Mastodon vs Twitter: दिग्गज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर में चल रही हलचल की बीच, एक बार फिर से Mastodon ऐप चर्चा में है और उसकी वजह है, ट्विटर का अपने ब्लू टिक यूजर्स से 8 डॉलर पर महीने का शुल्क वसूलने की घोषणा करना. जिसके बाद से कई जानी-मानी हस्तियों ने ट्विटर की न केवल आलोचना की, बल्कि इसे छोड़ने का भी एलान कर दिया. अब लोग इस नई ऐप को ट्विटर के विकल्प की तौर पर देख रहे हैं. आइये आपको इस ऐप की बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.
क्या है Mastodon ऐप?
इस ऐप को ट्विटर की तर्ज पर सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म के तौर पर ही डेवेलप किया गया है. लेकिन फ़िलहाल इसकी कमान किसी कंपनी के हाथ में न होकर, अलग-अलग ग्रुप और इंडिविजुअल लोगों की हाथ में है. अभी इसमें किसी तरह के एडवर्टीजमेंट को शामिल नहीं किया गया है. फ़िलहाल ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म क्राउडफंडिंग सपोर्टेड है.
Mastodon ऐप किसने बनाया?
ये सोशल मीडिया ऐप एक जर्मन सॉफ्टवेयर डेवलपर Eugen Rochko के दिमाग की उपज है. Eugen Rochko का जन्म रूसी मूल के एक यहूदी परिवार में हुआ था. Rochko 11 साल की उम्र में जर्मनी पहुंच गए. वहीं पर आगे की पढ़ाई करते हुए रोचको ने अपना विषय कंप्यूटर साइंस को चुना और 2016 में Mastodon नाम से इस सॉफ्टवेयर लॉन्च किया.
Mastodon कैसे करता है काम?
ये सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर की तरह ही काम करता है. इस ऐप पर भी आप किसी दूसरे यूजर को टैग कर करने के साथ-साथ अपनी चीजें शेयर कर सकते हैं. साथ ही अन्य अकाउंट्स को भी फॉलो कर सकते हैं.
लगातार बढ़ रहे यूजर्स?
ट्विटर में बदलावों का होना Mastodon ऐप के लिए काफी फायदेमंद रहा है. यूजर्स इसे ट्विटर के विकल्प के तौर देख रहे हैं. ट्विटर में उठा-पटक की बीच केवल एक हफ्ते में ही इस प्लेटफॉर्म को करीब 2 लाख नए यूजर्स मिल गए. Eugen Rochko के अनुसार 27 अक्टूबर से अब तक इस प्लेटफॉर्म से 2,30,000 यूजर्स से अधिक की बढ़ोत्तरी हो चुकी है. अब कुल मिलकर इस ऐप पर साढ़े 6 लाख से ज्यादा एक्टिव यूजर्स मौजूद हैं.