कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप के फेक वर्जन से डेटा लीक कर रहे हैं हैकर्स, जानिए इससे कैसे बचा जाए
इंटरनेट पर आरोग्य सेतु ऐप के फेक वर्जन मौजूद हैं, जिनके जरिए हैकर्स यूजर्स की कॉन्टैक्ट्स जैसे जरूरी डेटा पर सेंध लगा रहे हैं. आइए जानते हैं इससे कैसे बचा जा सकता है.

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप आरोग्य सेतु एप लॉन्च किया था. अब हैकर्स इसके फेक वर्जन के जरिए यूजर्स को डेटा को हैक कर रहे हैं. इसके अलावा हैकर्स फोन में वायरस के जरिए यूजर्स के कॉन्टैक्ट्स को एक्सेस कर रहे हैं. हैकर्स ने भारत समेत कई देशों में इस महामारी के बीच हैकिंग का जाल बिछा रखा है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे 12 एप हैं जिनके जरिए हैकर्स यूजर्स को फोन हैक कर उनकी पर्सनल डिटेल लीक करते हैं. हैकर्स ने इन फेक कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप को Anubis या Spynote पर तैयार किया है. जिनके जरिए ये जालसाज यूजर्स को अपना शिकार बनाते हैं. इससे ज्यादा खतरा भारत, रूस, इंडोनेशिया और रूस के स्मार्टफोन यूजर्स को है.
ऐसे करते हैं हैक
ये हैकर्स स्पाईनोट वायरस के जरिए स्मार्टफोन से मैसेज, लोकेशन डेटा और कॉन्टैक्ट्स को हैक करते हैं. इसके अलावा ऐनुबिस सिस्टम फोन में मौजूद जानकारी को पूरी तरह ऐक्सेस कर लेता है. यही नहीं मैलवेयर यूजर्स के फोन कॉल्स को भी रिकॉर्ड कर सकते हैं. वहीं अगर किसी के फोन में स्पाईनोट चला गया तो वह यूजर के नंबर से फोन कॉल करने के साथ ही कॉन्टैक्ट्स को मैसेज भी भेज सकता है.
हैकर्स स्पाईनोट के जरिए भारत को इंडोनेशिया के स्मार्टफोन यूजर्स को अपना निशाना बना रहे हैं, वहीं ऐनुबिस मैलवेयर से ब्राजील और रूस के यूजर्स को शिकार कर रहे हैं. इन दोनों से ही वायरस से यूजर्स का खतरा तेजी से बढ़ा है.
कैसे बचा जाए
अगर इससे बचना है तो किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसके बारे में अच्छे से जानकारी जुटा लें. किसी भी फेक ऐप के चक्कर में ना पड़ें. किसी भी दूसरे प्लेटफॉर्म से ऐप को डाउनलोड करने से बचें. ऑथेंटिक प्लटेफॉर्म से ही ऐप डाउनलोड करें.
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