मोबाइल फोन, लैपटॉप या डेस्कटॉप आदि का इस्तेमाल हम सभी करते हैं. इनका इस्तेमाल करते-करते आपने 2 वर्ड इनसे जुड़े हुए जरूर सुने होंगे जिसमें पहला है अपडेट और दूसरा अपग्रेड. कई लोग इन दोनों वर्ड का मतलब एक ही निकालते हैं लेकिन ऐसा नहीं है. आपने ये बात गौर कि होगी कि जब मोबाइल फोन में किसी ऐप्लिकेशन के लिए कोई अपडेट आता है तो ऊपर से नोटिफिकेशन बार-बार आने लगता है. वही जब पूरे मोबाइल फोन की बात आती है तो अपग्रेड के नोटिफिकेशन भी दिखाई देने लगते हैं. आज जानिए की अपडेट और अपग्रेड में क्या अंतर है.
अपडेट क्या है?
स्मार्टफोन या लैपटॉप में आपने देखा होगा कि समय के साथ कई ऐप अपडेट के नोटिफिकेशन देने लगते हैं. प्लेस्टोर में भी अपडेट के लिए ऑप्शन दिखाई देता है. जब आप किसी ऐप या सॉफ्टवेयर को अपडेट करते हैं तो आपको कुछ नए फीचर ऐप में दिखने लगते हैं. नए अपडेट में आपको अच्छे फीचर्स, बेहतर सिक्योरिटी, बग से जुड़ी कोई समस्या का हल या कुछ नए ऑप्शन ऐप में मिल जाते हैं. ऐप्लिकेशन के अपडेट से फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम में कोई बदलाव या फर्क नहीं पड़ता है. मोबाइल एप्लीकेशन में समय-समय पर अपडेट इसलिए दिए जाते हैं ताकि यूजर एक्सपीरियंस को ऐप पर बेहतर बनाया जा सके.
क्या है अपग्रेड?
अपग्रेड सामान्य तौर पर मोबाइल फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम का होता है. उदाहरण के लिए इसे आप ऐसे समझिए यदि आपके स्मार्टफोन पर अभी OS एंड्राइड 10 है तो जब आप मोबाइल फोन को अपग्रेड करेंगे तो एंड्राइड 11 पर आप स्विच हो जाएंगे. यानी आपको एक नया ऑपरेटिंग सिस्टम मिलेगा जिसमें सारा इंटरफेस बदल जाएगा या बेहतर हो जाएगा. वहीं, अगर आप कंप्यूटर में ये करते हैं तो विंडो को अपग्रेड करने पर नई विंडो आ जाएगी और पूरा सिस्टम चेंज हो जाएगा. जो लोग इस वक़्त नई विंडो चलाते हैं वो इसे बेहतर तरीके से समझ पाएंगे.
अंतर ये है
-ऐप्लिकेशन अपडेट जहां कुछ समय में हो जाता है. वहीं, अपग्रेड एक लंबा प्रोसेस है. आपने देखा होगा जब आप एक ऐप को अपडेट करते हैं तो ये कुछ मिनट में हो जाता है जबकि विंडो अपग्रेड कई बार घंटों का समय ले सकता है.
-अपडेट से मोबाइल फोन या लैपटॉप पर कोई फर्क नहीं पड़ता जबकि सिस्टम अपग्रेड से पूरा इंटरफेस मोबाइल फोन या लैपटॉप का बदल जाता है.
-अपडेट ऐप्लिकेशन तक सीमित है जबकि अपग्रेड कंप्यूटर या मोबाइल फोन के पूरे सिस्टम से जुड़ा हुआ है. अपग्रेड में लुक, डिजाइन, फीचर्स आदि कई चींजें पूरे सिस्टम की बदल जाती हैं.
-जब आप किसी ऐप को अपडेट करते हैं तो आपको इसमें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती जबकि जब आप सिस्टम या मोबाइल फोन को अपग्रेड करते हैं तो आपको कई सेटिंग फिर से करनी पड़ती है.
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