Safer Internet Day 2021: जानिए क्यों मनाया जाता है ‘सुरक्षित इंटरनेट दिवस’ और कब हुई इसकी शुरुआत
आज इंटरनेट हर किसी की अहम जरूरत बन गया है. किसी भी जानकारी को हासिल करना हो , रुपयो का ट्रांसफर करना हो सब जगह इंटरनेट का इस्तेमाल होता है. वहीं इंटरनेट के बढ़ते चलन के साथ ही इसके दुरुपयोग के मामलों में भी बेतहाशा इजाफा हुआ है साथ ही साइबर अपराध के मामले भी बढ़े हैं. सेफर इंटरनेट डे के दिन लोगों को इंटरनेट के सुरक्षित इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया जाता है.
9 फरवरी, 2021 यानी आज दुनियाभर में सुरक्षित इंटरनेट दिवस मनाया जा रहा है. यह सभी के लिए ऑनलाइन सुरक्षित रहने के महत्व को पहचानने का अवसर है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य ऑनलाइन प्रौद्योगिकी और मोबाइल फोन के सुरक्षित और अधिक जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देना है. गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर काफी चर्चा और बहस हो रही कैसे साल 2020 इंटरनेट सुरक्षा के मामले में आगे बढ़ा है. दरअसल प्रौद्योगिकी के इस युग में, वर्तमान पीढ़ी लगभग हर चीज के लिए इंटरनेट पर निर्भर है और इस वजह से साइबर क्राइम भी बढ़ा है.
कब हुई सुरक्षित इंटरनेट दिवस मनाने की शुरुआत
पिछले साल, कोरोना संकट के दौरान वर्क फ्राम होम के कारण साइबर हमलों में भी इजाफा हुआ और साल 2021 में इसमें और इजाफा होने की आशंका है. इसे ध्यान में रखते हुए, 9 फरवरी को सुरक्षित इंटरनेट दिवस मनाया जा रहा है. बता दें कि इस दिवस की शुरुआत पहली बार 2004 में यूरोप में हुई थी. बाद में 2009 तक, यह यूरोप के बाहर दुनिया भर में मनाया जाने लगा. वर्तमान में, 150 से अधिक देश वैश्विक स्तर पर सुरक्षित इंटरनेट दिवस मनाते हैं.
इस दिवस पर जागरूकता फैलाने के साथ ही लोगों को साइबर हमलों का सामना करने के लिए शिक्षित किया जा सकता है. कई संगठन सेफर इंटरनेट दिवस पर ऑनलाइन सेफ्टी को लेकर वेबिनार या पॉडकास्ट भी होस्ट करते हैं.
इंटरनेट के भारत में इस्तेमाल को लेकर OLX ने जारी की रिपोर्ट
बता दें कि भारतीयों के इंटरनेट उपयोग की आदतों पर OLX द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक , महामारी की वजह से भारतीयों के इंटरनेट उपयोग में 50% की वृद्धि हुई है और इसके कारण 61% भारतीय घरों में साइबर धोखाधड़ी के मामलों में भी इजाफा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि निजता के अधिकार पर फोकस करते हुए 81% भारतीय इंटरनेट यूजर्स को कुछ ऐप का नहीं करने के लिए कहा गया. इसके अलावा, 45% यूजर्स ने कहा कि वे किसी भी समाचार या सूचना को ऑनलाइन शेयर करने से पहले उसे वेरिफाई करते हैं.
इंटरनेट सर्फिंग करने को लेकर की गई रिसर्च
वहीं स्टडी के मुताबिक, 58% रेस्पॉन्डेंट्स ने कहा कि उनके परिवार के सभी सदस्य अक्सर इंटरनेट का उपयोग करते हैं, जबकि 15% ने कहा कि उनके घर में इंटरनेट के पाइमरी यूजर्स बुजुर्ग सदस्य थे. इस बीच, 82% ने कहा कि वे बढ़े हुए साइबर धोखाधड़ी के बारे में जानते हैं जो महामारी के दौरान उत्पन्न हुए थे. परिणामस्वरूप, कुछ ने सावधानी बरती. जबकि 57% यूजर्स ने कहा कि वे अब नकली या भ्रामक लिंक के साथ संदिग्ध मैसेज, ईमेल या कम्यूनिकेशन के किसी भी रूप को ओपन नहीं करते हैं, 45% ने कहा कि वे अब ऑनलाइन शेयर की गई किसी भी समाचार या जानकारी को वेरिफाई जरूर करते हैं.
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