Koo Lifetime Free Verification Checkmark: ट्विटर का टेकओवर जैसे ही एलन मस्क ने किया तो उन्होंने प्लेटफार्म के लिए पेड ट्विटर ब्लू की घोषणा की और ब्लू टिक के लिए पैसे लेने की बात कही. इसके बाद मेटा ने भी ट्विटर की देखा-देखी में वेरिफिकेशन के लिए पेड सर्विस का ऐलान किया. अब कोई भी व्यक्ति पैसे देकर फेसबुक-इंस्टाग्राम, ट्विटर पर ब्लू टिक हासिल कर सकता है. लेकिन इस सब के बीच एक माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म आज भी ऐसा है जो लोगों को फ्री में वेरिफिकेशन चैकमार्क ऑफर कर रहा है. ये प्लेटफार्म Koo है. दरअसल, Koo में यूजर्स को फ्री में येलो चेकमार्क मिलता है. हालांकि इसके लिए यूजर्स का तय नियमों को पूरा करना जरुरी है. इस बीच Koo ने एक और घोषणा की है कि कंपनी ऐसे सभी लोगों को लाइफटाइम फ्री वेरिफिकेशन सर्विस देगी जो अपने अपने क्षेत्र में लोकप्रिय हैं या जो नॉटेबल पर्सनैलिटी हैं.
Koo में मिलते हैं यूजर्स को कई फैसिलिटीज
जिस तरह ट्विटर पर ब्लू टिक मार्क वेरिफिकेशन होने पर मिलता है, koo में येलो चैकमार्क कंपनी यूजर्स को देती है. Koo लगातार लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए कई कदम उठा रहा है. इससे पहले कंपनी ने प्लेटफार्म को सिक्योर और ट्रस्टेड बनाने के लिए प्राइवेसी से जुड़ा एक कदम उठाया था जिसके तहत कोई भी न्यूड कंटेंट प्लेटफार्म पर अपलोड नहीं किया जा सकेगा. Koo ऐप को अब तक 60 मिलियन से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं और ये 100 से ज्यादा देशों में यूज किया जाता है. Koo में यूजर्स 500 कैरेक्टर तक के पोस्ट, लंबी वीडियोज को अपलोड, 20 से ज्यादा भाषाओं में koo पोस्ट, चैट जीपीटी जैसा फीचर, शेड्यूल पोस्ट, क्रिएटर्स के लिए मोनेटाइजेशन टूल आदि कई फीचर फ्री में मिलते हैं. ट्विटर पर इन फीचर्स के लिए लोगों को पैसे देने होते हैं.
ट्विटर पर है ये अपडेट
ट्विटर ने पिछले दिनों ये ऐलान किया था कि कंपनी 1 अप्रैल से फ्री में मिले ब्लू टिक यानी लिगेसी चेकमार्क को हटा देगी. यदि आपको पहले फ्री में ब्लूटिक मिला हुआ है तो अब से इस टिक को बनाए रखने के लिए आपको ट्विटर ब्लू का सब्सक्रिप्शन लेना होगा. भारत में ट्विटर ब्लू के लिए वेब यूजर्स को 650 रुपये और आईओएस और एंड्रॉयड यूजर को 900 रुपये का भुगतान हर महीने कंपनी को करना होता है.
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