Internet Shutdown: इंटरनेट के बिना हमारा स्मार्टफोन, लैपटॉप, डेस्कटॉप या टेबलेट अन्य कुछ भी सब कुछ महज एक डब्बा है. यदि इंटरनेट न हो तो हम इन डिवाइसेस से कुछ भी नहीं कर सकते. सोचिए अगर आज इंटरनेट बंद कर दिया जाए और अगले 2 दिन तक यही स्थिति रहे तो आप क्या करेंगे? इस बात को सोचने से ही लोग घबरा जाते हैं. अब और भी हैरान करने वाली बात जानिए.  इंटरनेट एडवोकेसी वॉचडॉग एक्सेस नाउ ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि भारत दुनिया भर में इंटरनेट बंद करने के मामले में नंबर वन है. लगातार पिछले 5 सालों में भारत में सबसे ज्यादा इंटरनेट शटडाउन हुए हैं.


पिछले साल 84 बार बंद हुआ इंटरनेट


एक्सेस नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में पिछले साल 187 इंटरनेट शटडाउन हुए जिसमें से अकेले 84 भारत में हुए. इसमें से करीब 49 बार इंटरनेट बंद जम्मू कश्मीर में हुआ. यहां 16 बार लगातार इंटरनेट बंद किया गया जो जनवरी से फरवरी के महीने तक चला. इसके बाद राजस्थान में करीब 12 बार नेट बंद किया गया, फिर पश्चिम बंगाल में भी 7 बार इंटरनेट को बंद करना पड़ा. इंटरनेट बंद करने की वजह हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता थी. 


2021 में हुआ था 4,500 करोड़ का नुकसान


इससे पिछले साल यानी 2021 में इंटरनेट करीब 1,157 घंटे के लिए बंद किया गया जिसमें कुल मिलाकर 4300 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. दरअसल, जब नेट बंद रहता है तो सभी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन आदि रुक जाते हैं जिससे बड़े स्तर पर करोड़ों का नुकसान हो जाता है. साल 2021 में करीब 5.9 करोड लोग इंटरनेट बंद होने की वजह से प्रभावित हुई थे. 


भारत के अलावा यूक्रेन में पिछले साल करीब 22 बार और ईरान में 18 बार इंटरनेट को बंद किया गया. 


क्या होता है इंटरनेट शटडाउन?


 इंटरनेट शटडाउन सरकार द्वारा किसी राज्य, जिले या कस्बे में किया जाता है ताकि चीजों पर काबू पाया जा सके. भारत में नेट तब बंद किया जाता है जब कोई हिंसा या आंदोलन बड़े स्थर पर फैल जाता है. नेट बंद इसलिए किया जाता है ताकि सिचुएशन ठीक हो सके. इंटरनेट शटडाउन के दौरान आप इलाके में किसी भी डिवाइस पर नेट यूज नहीं कर सकते. 


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