नई दिल्ली: कोरोना संकट काल में ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. डेटा बताता है कि देश में डाटा की खपत और इंटरनेट पर बिताए जाने वाले समय में अप्रत्याशित बढ़त हुई है. वर्क फ्रॉम होम के लगातार बढ़ते कल्चर के चलते अब साइबर सुरक्षा का खतरा का भी बढ़ गया है. कई तरह के वायरस आप के सिस्टम पर हमला कर सकते हैं. ऐसे में अपने कंप्यूटर को सुरक्षित रखने के लिए ज्यादातर लोग एंटीवायरस का इस्तेमाल करते हैं.


हो सकता है आप में से ज्यादातर लोगों ने भी अपने पीसी या लैपटॉप में एंटी वायरस को इंस्टॉल कर रखा हो, लेकिन क्या आपको पता है बाजार में उपलब्ध नकली एंटीवायरस आपके निजी डेटा को लीक कर सकते हैं. सस्ते दामों में आने वाले नकली एंटीवायरस से आपके डेटा को खतरा हो सकता है.


क्या होता है नकली या फेक एंटीवायरस?
नकली एंटीवायरस सॉफ्टवेयर (मैलवेयर- एक तरीके का वायरस) है, जो किसी भी ओरिजिनल सॉफ्टवेयर की नकल करके यूजर की निजी जानकारी लीक करने के लिए हैकर्स बनाते हैं. इतना ही नहीं जब आप इसको अपने सिस्टम में इंस्टॉल कर लेंगे तो ये आपकी ओर से दिए गए कमांड को नहीं मानेगा. धीरे-धीरे आपके इस मैलवेयर (साफ्टवेयर) के कारण आपके सिस्टम की स्पीड कम होने लग जाएगी. साथ ही इसको बाद में हटाना और भी मुश्किल हो जाएगा. यह कंप्यूटर यूजर्स के लिए इंटरैक्टिव सुरक्षा चेतावनी भी प्रदर्शित करता है.


कंप्यूटर में कैसे आ सकता है नकली एंटीवायरस?
अगर आप बाजार में उपलब्ध सस्ते दामों वाले (पायरेटेड या फर्स्ट कॉपी) एंटीवायरस नहीं खरीदते हैं तो ये सिर्फ ऑनलाइन या इंटरनेट पर काम करते समय ही आपके सिस्टम में इंस्टॉल हो सकता है. ज्यादातर हैकर्स ईमेल, सोशल नेटवर्किंग साइट, इंटरनेट एडवरटाइजमेंट और अन्य मैलवेयर का उपयोग करके इस प्रकार के फ्री एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को बेचते हैं. ये हैकर्स इस काम के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की मदद लेते हैं. जिससे ज्यादा से ज्यादा कंप्यूटर्स को निशाना बनाया जा सके. अगर आप ऐसे फ्री वाले एडवरटाइजमेंट मैलवेयर का लिंक देखें तो उस पर क्लिक ना करें.


कैसे पता चलेगा कि सिस्टम में मैलवेयर है या नहीं?
व्यक्तिगत जानकारी मांगने वाले पॉप-अप की उपस्थिति एक नकली वायरस की पहचान करने का बेहतरीन तरीका है.


सिस्टम सेफ कैसे रह सकता है?
किस भी वेब लिंक पर जाते समय सतर्क रहें.
सिस्टम सॉफ्टवेयर हमेशा अप टू डेट रखें.
सॉफ्टवेयर पैचिंग के महत्व के बारे में अधिक जानकारी के लिए पैच को समझें.
साइबर क्राइम या धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए साइबर क्राइम सेल में शिकायत करें.
किसी भी समस्या या अधिक जानकारी के लिए कृपया ईमेल आईडी: anninfosecalert@abpnews.in पर संपर्क करें


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