LinkdIn Scam: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लिंक्डइन (LinkdIn) का इस्तेमाल प्रोफेशनल तौर पर किया जाता है. आमतौर पर लोग इसका इस्तेमाल जॉब और बिजनेस से संबंधित जानकारियों के लिए करते है, लेकिन अब इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल स्कैमर्स लोगों को अपना शिकार बनाने में कर रहे हैं. दरअसल, स्कैमर्स मैलवेयर और स्पाइवेयर वाली लिंक के माध्यम से यूजर्स को टारगेट कर रहे हैं. यूजर्स जैसे ही इन लिंक पर क्लिक करते हैं उनकी पर्सनल जानकारी अपराधियों के हाथ लग जाती हैं, जिससे वे यूजर्स को आसानी से शिकार बना लेते हैं.


यूजर्स को ऐसे फंसाते हैं स्कैमर्स


LinkdIn पर आमतौर पर सभी कनेक्शन बनाने के लिए रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करते है. स्कैमर्स इसी बात का फायदा उठा रहे हैं और यूजर्स को रिक्वेस्ट भेज रहे हैं. ये अपराधी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होने पर यूजर्स का भरोसा प्राप्त करते हैं. इसके बाद स्कैमर्स यूजर्स को मैलवेयर और स्पाइवेयर वाली लिंक सेंड करते हैं. यूजर जैसे ही लिंक पर क्लिक करता है तो यूजर्स के डिवाइस में ये स्पाइवेयर डाटा चोरी करना शुरू कर देते हैं. ये स्पाइवेयर यूजर्स की पर्सनल जानकारियां; जैसे :- नाम, बैंक डिटेल, पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड आदि डिटेल्स को स्कैमर्स के पास भेज देते हैं. इसके बाद अपराधियों के लिए स्कैम करना बेहद आसान हो जाता है. ClaudSek ने भी इसको लेकर रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, LinkdIn पर इस तरह का फर्जीवाड़ा बडे़ पैमाने पर किया जा रहा है. प्रोफेशनल प्लेटफॉर्म होने की वजह से स्कैमर्स आसानी से लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बना रहे हैं. 


यह है बचने का तरीका


LinkdIn पर सुरक्षित रहने का सबसे आसान तरीका यह है किसी भी अनजान फॉलो रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट न करें. या फिर नई रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट करने से पहले उसकी जांच जरूर कर लें. इसके अलावा, अगर कनेक्शन बढ़ाने के लिए आप रिक्वेस्ट करते भी हैं तो इनबॉक्स में आनी वाली किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें और फाइल को डाउनलोड और ओपन करने से पहले स्कैन जरूर कर लें. बिना जानकारी वाली फाइल और डॉक्यूमेंट्स को डाउनलोड या सेव न करें.


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