Passkey: Google ने अपने एंड्रॉयड यूजर्स और क्रोम यूजर्स के लिए नया passkey फीचर पेश करने जा रही है, जिसकी मदद से यूजर्स गूगल क्रोम और एंड्रॉयड डिवाइस में पिन के अलावा बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट या फेस आईडी) से भी लॉगिन कर पाएंगे. इसका यूज किसी भी वेबसाइट और एप के लिए किया जा सकेगा. उदाहरण के तौर पर समझें तो आप फेसबुक में भी फेस आईडी या फिंगरप्रिंट से लॉगिन कर पाएंगे. गूगल ने कहा है कि पासकी (passkey) का उपयोग करना पासवर्ड का इस्तेमाल करने जितना ही सुरक्षित होगा.


अभी डेवलप मोड में है Passkey


इसी साल मई में माइक्रोसॉफ्ट, एपल और गूगल ने कॉमन पासवर्डलेस साइन इन (Common Passwordless Sign In) की घोषणा की थी. अब इन तीनों कंपनियों के सहयोग से “Passkeys” को वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम (W3C) और FIDO Alliance ने बनाकर तैयार किया गया है, हालांकि यह फीचर फिलहाल डेवलपर्स के लिए ही है. इसका मतलब अभी यह अपने विकास के मोड में है, लेकिन कहा जा रहा है कि जल्द ही इसे सभी यूजर्स के लिए रोल आउट किया जाएगा.


पासवर्ड का यह नया तरीका गूगल पासवर्ड मैनेजर के साथ सिंक किया गया है. ऐसे में, आपको नए फोन में पासवर्ड को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है. इसके ज़रिए पासवर्ड पुराने से नए फोन में आसानी से ट्रांसफर हो सकेगा. इसके अलावा गूगल ने कहा है कि यह पासवर्ड पूरी तरह से एंड टू एंड एंक्रिप्टेड बनाया गया है. यहां यह भी स्पष्ट कर दें कि आईओएस में यह सुविधा पहले से ही है. इसके अलावा, गूगल ने कहा है कि जिन यूजर्स के स्मार्टफोन में फिंगरप्रिंट सेंसर जैसी सुविधाएं हैं, वो इसका आसानी से इस्तेमाल कर पाएंगे. अब ऐसे में जिनके पास यह सुविधा नहीं है, वो अन्य कंप्यूटर या डिवाइस पर लोग इन करके पासकी का इस्तेमाल कर सकेंगे.


किसी भी एंड्रॉयड डिवाइस पर बन सकेगी पासकी


टेक दिग्गज का कहना है कि किसी भी एंड्रॉयड डिवाइस पर पासकी बनाई जा सकेगी और उसका इस्तेमाल भी किया जा सकेगा. इसके लिए क्लाउड- सर्विस का बैकअप लेना ज़रूरी है, क्योंकि जब कोई यूजर किसी पुराने डिवाइस से डेटा ट्रांसफर करके एक नया एंड्रॉइड डिवाइस सेट करेगा, तो Google के मुताबिक, मौजूदा एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन पासकी सुरक्षित रूप से नए डिवाइस में ट्रांसफर हो जाएगी.


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