Deep fakes new Rule : डीप फेक को लेकर मेटा ने नए नियम बना दिए हैं. जिसको लेकर कंपनी ने अनाउंसमेंट किया है कि, ये नियम नए साल में 1 जनवरी से लागू होंगे. मेटा के नए नियम डीप फेक वीडियो और एडिट वीडियो और पिक्चर पर लागू होंगे. साथ ही इन नियम में अब वीडियो और पिक्सचर में किए गए बदलावों का जिक्र करना होगा.


फेसबुक, इस्टाग्राम पर लागू होंगे नए नियम


मेटा के ब्लॉग के अनुसार उसके ये नए नियम इंस्टाग्राम पर कोई सामाजिक मुद्दा, चुनाव या राजनीतिक विज्ञापन डिजिटल रूप से बनाया या बदला गया है, जिसमें एआई का उपयोग भी शामिल है पर लागू होंगे. साथ ही ब्लॉग में कहा गया कि यह नई नीति नए साल के में लागू होगी.
 
विज्ञापनदाताओं को डिजिटल रूप से संशोधित फोटोयथार्थवादी तस्वीर या वीडियो के बारे में खुलासा करना होगा यदि यह किसी वास्तविक व्यक्ति को ऐसा कुछ कहते या करते हुए चित्रित करने के लिए किया गया, जो उन्होंने नहीं कहा या किया. यदि परिवर्तित छवि या वीडियो किसी यथार्थवादी दिखने वाले व्यक्ति को दर्शाता है, जो अस्तित्व में नहीं है या यथार्थवादी दिखने वाली घटना जो घटित नहीं हुई है या किसी वास्तविक घटना के फुटेज में परिवर्तन किया गया है तो खुलासा करना होगा.


यह नियम डिजिटल रूप से परिवर्तित छवियों या वीडियो पर लागू होगा जो कथित रूप से घटित यथार्थवादी घटनाओं को दर्शाते हैं, लेकिन वह घटना की सच्ची छवि, वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं है. यह घटनाक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर एक एडवाइजरी जारी करने के एक दिन बाद आया है, जब अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का एक फर्जी वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित पाया गया था.


सोशल मीडिया मेटा ने कहा, यह जानकारी विज्ञापन लाइब्रेरी में भी दिखाई देगी. यदि हम यह निर्धारित करते हैं कि कोई विज्ञापनदाता आवश्यकतानुसार खुलासा नहीं करता है, तो हम विज्ञापन को अस्वीकार कर देंगे और बार-बार खुलासा करने में विफलता के कारण विज्ञापनदाता के खिलाफ जुर्माना लगाया जा सकता है.


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