Meta Layoffs: मेटा ने खराब प्रदर्शन वाले करीब 3,600 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला किया है. कंपनी इनके काम से संतुष्ट नहीं है और इन की जगह नई भर्तियां की जाएगी. एक इंटरनल मेमो से यह जानकारी सामने आई है. फेसबुक, इंस्टाग्राम और WhatsApp के मालिकाना हक वाली कंपनी में 72,000 से अधिक कर्मचारी हैं. मेटा प्रमुख मार्क जुकरबर्ग के इस ताजा फैसले से लगभग 5 प्रतिशत कर्मचारी प्रभावित होंगे.


जुकरबर्ग ने लिया फैसला


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खुद मार्क जुकरबर्ग ने यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा, "मैंने अब परफॉर्मेंस का स्तर बढ़ाने और काम न करने वाले कर्मचारियों को जल्दी बाहर करने का निर्णय लिया है. यह फैसला कंपनी में सबसे बेहतर टैलेंट रखने और नए लोगों की भर्तियां करने के लिए लिया गया है."


ये कर्मचारी होंगे प्रभावित


इस फैसले का प्रभाव उन कर्मचारियों पर सबसे अधिक पड़ेगा, जो लंबे समय से कंपनी में काम कर रहे हैं. कंपनी उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन करेगी और जो उम्मीद के अनुसार परफॉर्म न करने वाले कर्मचारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है. कंपनी ने भरोसा दिलाया है कि प्रभावित कर्मचारियों को उचित मुआवजा मिलेगा. बता दें कि अमेरिकी कंपनियों में इस तरह की छंटनी सामान्य है. कुछ दिन माइक्रोसॉफ्ट ने भी ऐसा निर्णय लिया था, जिसका असर कंपनी के एक प्रतिशत कर्मचारियों पर पड़ेगा


सुर्खियों में है मेटा


मेटा पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में बनी हुई है. इसी महीने जुकरबर्ग ने कंपनी की कंटेट मॉडरेशन पॉलिसी में बदलाव का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि मेटा अब अपना फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम बंद कर रही है. इसकी जगह एक्स की तरह कम्युनिटी नोट्स लाए जाएंगे. जुकरबर्ग का कहना था कि फैक्ट चेकर्स राजनीतिक रुप से पक्षपाती रहे हैं और वो लोगों को भरोसा नहीं जीत पाए. इसके अलावा उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के कई करीबी लोगों को कंपनी और बोर्ड में जगह दी है.


ये भी पढ़ें-


Internet Shutdown: क्या सच में 16 जनवरी को बंद हो जाएगा पूरी दुनिया का इंटरनेट? जानें वायरल दावे की सच्चाई