Meta को लगा बड़ा झटका! Mark Zuckerberg की कंपनी को देने पड़ेंगे 1.4 बिलियन डॉलर, वजह क्या है?
Meta पर केस रिकॉग्नाइजेशन तकनीक का सहारा लेकर बिना अनुमति के टेक्सास (Texas) के लाखों लोगों का बायोमेट्रिक डेटा कलेक्ट और उपयोग करने का आरोप लगा था.
Meta News: टेक की दिग्गज कंपनी मेटा (Meta) पर चल रहे बायोमेट्रिक प्राइवेसी नियम उल्लंघन से जुड़ा बड़ा अपडेट सामने आया है. कंपनी ने 1.4 बिलियन डॉलर के समझौते पर सहमति जताई है. दरअसल, मेटा पर केस रिकॉग्नाइजेशन तकनीक का सहारा लेकर बिना अनुमति के टेक्सास (Texas) के लाखों लोगों का बायोमेट्रिक डेटा कलेक्ट और उपयोग करने का आरोप लगा था. इसमें फेसबुक पर अपलोड वीडियो और वीडियो शामिल थी.
टेक्सास के अटॉर्नी जनरल केन पैक्सटन (Ken Paxton) के मुताबिक, ये राज्य का सबसे बड़ा समझौता है. यह ऐतिहासिक समझौता दुनिया की टेक दिग्गज कंपनियों के खिलाफ खड़े होने और कानून तोड़ने और टेक्सास के लोगों के प्राइवेसी अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए जवाबदेह ठहराने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. मेटा ने इस समझौते पर कहा कि हम इस मामले को सुलझाना चाहते हैं और टेक्सास में निवेश को बढ़ाने का रास्ता खोजने के लिए तत्पर हैं. इसमें डेटा तैयार करना भी शामिल है.
जानें कब दायर किया गया था मुकदमा
दरअसल, साल 2022 में मेटा के खिलाफ टेक्सास के कोर्ट में ये मुकदमा दायर किया गया था. इससे पहले 2021 में भी कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था. इसमें भी कंपनी पर प्राइवेसी नियम का उल्लंघन करने का आरोप लगा था. इस मामले में बाद में जाकर 650 मिलियन का समझौता हुआ था. इस दौरान कंपनी ने फेस रिकॉग्नाइजेशन सिस्टम बंद करने और लाखों यूजर्स के फिंगरप्रिंट को डिलीट करने की बात कही थी.
Google पर भी हुआ था ऐसा मुकदमा
बता दें कि मेटा की तरह गूगल पर भी प्राइवेसी नियम तोड़ने का आरोप लग चुका है और कंपनी पर मुकदमा भी दायर किया गया था. आरोप है कि गूगल ने गूगल फोटो, गूगल असिस्टेंट और नेक्स्ट हब मैक्स जैसे डिवाइस के जरिए यूजर्स की बायोमेट्रिक डेटा कलेक्ट किया. गूगल पर चल रहे मामले पर सुनवाई जारी है. हालांकि, इस केस में अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं आया है.
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