Metaverse: क्या है मेटावर्स टेक्नोलॉजी? असली और वर्चुअल दुनिया का भूल जाएंगे फर्क!
Metaverse: मेटावर्स एक आभासी दुनिया है जो कि पूरी तरह से हाई-स्पीड इंटरनेट पर निर्भर करती है. बिना हाई स्पीड इंटरनेट और गैजेट्स के इस दुनिया में जाना मुमकिन नहीं.
What is Metaverse : पिछले कुछ समय से मेटावर्स (Metaverse) के बारे में काफी चर्चाएं हो रही हैं. अक्टूबर 2021 में मेटा (फेसबुक) के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने कंपनी का नाम मेटा (Meta) रखा. उस समय मार्क ने कहा कि हम चाहते हैं कि हम दुनिया में मेटावर्स के नाम से जाने जाएं, हालांकि मेटावर्स कोई नया शब्द नहीं है. मेटावर्स शब्द भले ही आज अचानक से चर्चा का विषय बना हुआ हो, लेकिन यह काफी पुराना शब्द है. आइए इसके इतिहास पर नज़र डालते हैं.
मेटावर्स का इतिहास
साल था 1992 में नील स्टीफेंसन ने अपने डायस्टोपियन उपन्यास "स्नो क्रैश" में मेटावर्स (Metaverse) का जिक्र किया था. स्टीफेंसन के उपन्यास में मेटावर्स का मतलब एक ऐसी दुनिया (वीडियो गेम) से था, जहां लोग गैजेट्स की मदद से आपस में कनेक्ट होते हैं. गैजेट्स में हेडफोन, वर्चुअल रियलिटी शामिल है. यह वीडियो गेम लोगो को एक आभासी दुनिया में ले जाता है, आइए आज की इस रिपोर्ट में जानते हैं कि मेटावर्स क्या है और दुनिया की बड़ी टेक कंपनियां मेटावर्स में निवेश क्यों कर रही हैं?
मेटावर्स क्या है?
असल दुनिया में आप हर चीज को छू सकते हैं, उसे महसूस कर सकते हैं. लेकिन मेटावर्स (आभासी दुनिया) इससे बिलकुल विपरीत है. मेटावर्स एक आभासी दुनिया है जो कि पूरी तरह से हाई-स्पीड इंटरनेट पर निर्भर करती है. बिना हाई स्पीड इंटरनेट और गैजेट्स के इस दुनिया में जाना मुमकिन नहीं. असल दुनिया में आपको किसी जगह का भ्रमण करने के लिए उस जगह पर शारीरिक रूप से जाना पड़ता है, लेकिन मेटावर्स में आप घर बैठे-बैठे अमेरिका या दुनिया के किसी भी कोने का भ्रमण कर सकते हैं. यहां तक कि आप घर बैठे अंतरिक्ष का भी अनुभव ले सकते हैं. मेटावर्स में हर एक चीज आभासी है. कुछ भी वास्तविक नहीं है. मेटावर्स से मतलब एक ऐसी दुनिया से है जिसमें आप शारीरिक रूप से न होते हुए भी वहां माजूद रहते हैं.
एक उदाहरण देकर समझाते हैं, मेटावर्स में किसी गांव में बैठा छात्र दिल्ली के किसी कॉलेज में ठीक उसी तरह क्लास अटेंड कर सकता है जिस तरह नॉर्मल क्लासरूम में बैठकर किया जाता है. हालांकि वो शारीरिक रूप से क्लास में उपस्थित नही होगा. यह जानकर शायद आपको आश्चर्य हो कि मेटावर्स में उनलोगों से भी बात की जा सकती है, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे. ऐसा करने के लिए मेटावर्स में पहले उस शख्स की तस्वीर से उसका होलोग्राम तैयार करना पड़ेगा और फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से आप बात कर पाएंगे.
मेटावर्स के अनुभव के लिए जरूरी चीजें
मेटावर्स के लिए आवश्यक है वर्चुअल रियलिटी हेडसेट और हाई-स्पीड इंटरनेट. इसके बिना आप मेटावर्स का अनुभव नहीं कर सकते हैं. इसके लिए आग्युमेंट रियलिटी चश्में, स्मार्टफोन और मोबाइल एप की आवश्यकता होती है. यहां यह स्पष्ट कर दें कि सिर्फ मोबाइल से मेटावर्स का अनुभव नहीं किया जा सकता. हां यह जरूर सम्भव है कि आप मोबाइल से मेटावर्स के रिकॉर्डेड वीडियो देख लें, लेकिन सिर्फ मोबाइल से मेटावर्स का अनुभव करना संभव नहीं.
मेटावर्स में लोगों का होलोग्राम बनाया जाता है या यूं कहिए कि आभासी अवतार. इस अवतार को बनाने के लिए व्यक्ति की 360 डिग्री स्कैनिंग होती है. इसके अलावा मेटावर्स में खरीद-बिक्री के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया जाता है. मेटावर्स की दुनिया पूरी तरह से हाई-स्पीड इंटरनेट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है. कहा जाता है कि मेटावर्स इंटरनेट का भविष्य है.
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