Microsoft ने पेश किया दुनिया का सबसे छोटा लैंग्वेज AI मॉडल Phi-3-mini, जानें इसकी खास बातें
AI Models: माइक्रोसॉफ्ट ने दुनिया का सबसे छोटा एआई मॉडल यानी एसएलएम पेश किया है, जिसका नाम Phi-3-mini है. आइए हम आपको इस मॉडल की खास बात बताते हैं.
Meta AI: मेटा ने कुछ दिन पहले अपने मैसेंजिंग ऐप व्हाट्सऐप में ही अपना एआई चैटबॉट मॉडल मेटा एआई लॉन्च किया था. हालांकि, मेटा ने इसे अभी तक कुछ चुनिंदा बीटा यूज़र्स के लिए ही रिलीज किया है, लेकिन मेटा एआई रिलीज होने के कुछ दिन बाद ही मेटा ने Llama-3 को भी पेश किया जिसे कंपनी ने मेटा एआई का ही असिस्टेंट चैट मॉडल बताया था. अब मेटा के द्वारा मेटा एआई और लामा-3 के पेश किए जाने के तुरंत बाद माइक्रोसॉफ्ट ने अपने हल्के एआई मॉडल Phi-3-Mini का लेटेस्ट वर्ज़न पेश कर दिया.
माइक्रोसॉफ्ट ने Phi-3 को ओपन एआई (Open AI) मॉडल्स का परिवार बताया है, जो काफी कैपेबल है और कम बजट वाला छोटा लैंग्वेज मॉडल (SMLs) है. आइए हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि लैंग्वेज मॉडल्स क्या होते हैं और लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स यानी LLMs और स्मॉल लैंग्वेज मॉडल यानी SLMs में क्या अंतर होता है.
Phi-3-Mini क्या है?
रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि Phi-3-Mini उन तीन स्मॉल मॉडल्स में से सबसे पहला मॉडल है, जिसे माइक्रोसॉफ्ट रिलीज करने की प्लानिंग कर रही है. कथित तौर पर इस मॉडल ने लैंग्वेज, कोडिंग, लॉजिक और मैथ्स जैसे विभिन्न बेंचमार्क में अपने सेम साइज और अपने से बड़े साइज के मॉडल्स से बेहतर प्रदर्शन किया है.
माइक्रोसॉफ्ट के Phi-3-mini में नया क्या है?
माइक्रोसॉफ्ट का लेटेस्ट मॉडल ग्राहकों के लिए उपलब्ध हाई क्वालिटी वाले लैंग्वेज मॉडल वाली लिस्ट में एक नया विकल्प देता है. यह ज्यादा प्रैक्टिकल ऑप्शन ऑफर करता है, क्योंकि वे जेनरेटिव एआई एप्लिकेशन बनाते हैं. Phi-3-mini एक 3.8बी भाषा मॉडल है. यह Microsoft Azure AI Studio, HuggingFace और Ollama जैसे एआई डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है.
लैंग्वेज मॉडल क्या है?
लैंग्वेज मॉडल दुनियाभर में मौजूद तमाम लैंग्वेज एआई मॉडल्स जैसे चैटजीपीटी, क्लाउड, जेमिनी इत्यादि ऐप्लिकेशन्स की रीढ़ होती है. इन मॉडल्स को कॉमन लैंग्वेज प्रॉब्लम्स जैसे टेक्स्ट क्लासिफिकेशन, सवालों के जवाब देना, टेक्स्ट जेनरेशन, डॉक्यूमेंट समराइजेशन आदि को सॉल्व करने के लिए मौजूदा डेटा पर ट्रेनिंग दी जाती है. चैटजीपीटी, जेमिनी या मेटा एआई जैसे तमाम एआई चैटबॉट लैंग्वेज मॉडल की बदौलत ही यूज़र्स को सर्विस दे पाते हैं.
LLMs क्या है?
लार्ज लैग्वेंज मॉडल्स का मुख्य तौर पर दो अर्थ है- पहला - इसमें बहुत सारा ट्रेनिंग डेटा मौजूद रहता है, यानी इसमें बहुत सारी चीजें स्टोर की जाती है और उसके लिए ट्रेनिंग दी जाती है. दूसरा- इसका पैरामीटर काउंट यानी इस मशीन ने अपनी ट्रेनिंग के दौरान जितनी चीजें और ज्ञान सीखे हैं. कुल मिलाकर, लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स बिना किसी निर्देश के खुद चीजें सीखने के लिए सुसज्जित होती हैं. वे किसी भी जटिल समस्या का हल करने में सक्षम हो सकते हैं.
Phi-3-mini LLMs से अलग कैसे है?
Phi-3-mini एक SML है. आसान शब्दों में कहें तो एसएलएम यानी स्मॉल लैंग्वेज मॉडल एलएलएम यानी लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स की तुलना में ज्यादा सुव्यवस्थित मॉडल है. SMLs यानी स्मॉल लैंग्वेज मॉडल्स को डेवलप करने और ऑपरेट करने में लागत भी कम लगती है और ये छोटे डिवाइस जैसे स्मार्टफोन और टैबलेट्स पर बढ़िया परफॉर्म भी करते हैं.
यह भी पढ़ें:
WhatsApp से अब चुटकी में भेज पाएंगे इंस्टेंट वीडियो मैसेज, जो बदल देगा आपका चैटिंग स्टाइल