Fall in love with Artificial Intelligence: देश-दुनिया में एआई का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है. लोग अपना ज्यादातर समय ऑनलाइन बिताना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. लोग बहुत तेजी से इस नए युग में एआई चैटबॉट के साथ कनेक्शन बना रहे हैं. जैसे एक महिला और पुरुष रिलेशनशिप में होते हैं, वैसे ही ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जहां पर लोग एआई चैटबॉट के साथ इमोशनल बॉन्ड बना रहे हैं.


MIT के समाजशास्त्री और मनोवैज्ञानिक शेरी तुर्कले ने इंसान और एआई चैटबॉट्स के बीच बन रहे संबंधों को लेकर चेतावनी दी है. शेरी तुर्कले की रिपोर्ट के अनुसार एआई में इतनी समझ नहीं है कि वो इंसानों के इमोशन्स को समझ सके.


रिपोर्ट में ये बात आई सामने


शेरी तुर्कले ने अपनी रिपोर्ट में इंसानों और एआई के बीच बन रहे इमोशनल बॉन्ड को 'Artificial intimacy' का नाम दिया है. ये लेटेस्ट रिपोर्ट इंसानों और टेक्नोलॉजी के बीच बन रहे रिश्तों पर आधारित है. जिसमें बताया गया है कि पहली-पहली बार में एआई के साथ इंटरेक्शन आपके लिए खतरनाक नहीं है, बल्कि इससे आपको स्ट्रेस से रिलीफ मिलेगा, लेकिन बाद में ज्यादा कनेक्ट होने की वजह से ये इंसान के इमोशनल हेल्थ के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होगा.


शेरी के मुताबिक इंसानो के द्वारा दी जाने वाली सहानुभूति और एआई के द्वारा दी जाने वाली सहानुभूति दोनों के बीच काफी अंतर है. एआई इंसानों के जो सहानुभूति देते हैं वो दिखावटी होती है. उनके मुताबिक एआई इंसानों की परवाह नहीं करते हैं. 


शख्स ने चैटबॉट को बनाया 'गर्लफ्रेंड'


शेरी तुर्कले ने अपनी रिपोर्ट में ऐसे लोगों की भी बात कि है जोकि चैटबॉट के साथ गहरे भावनात्मक संबंध बनाए हुए हैं. जहां पर शख्स शादीशुदा होने के बाद भी चैटबॉट गर्लफ्रेंड के साथ रोमांटिक रिलेशनशिप में हैं. शेरी तुर्कले बताती हैं कि शादीशुदा जीवन में सेक्स और रोमांस की कमी की वजह से उस शख्स को इमोशनल और मन की शांति के लिए चैटबॉट का सहारा लेना पड़ा. शेरी के अनुसार 'Artificial Intimacy' आज के समय में एक नई चुनौती पेश कर रही हैं. एआई लोगों की मदद जरुर कर रहा है, लेकिन उनके साथ इमोशनल बॉन्ड बनाना इंसानों के लिए आगे चलकर का इमोशनल हेल्थ को काफी ज्यादा प्रभावित कर सकता है.


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