अगले कुछ दिनों के बाद ऐपल अपने 3 आईफोन मॉडल्स  को यूरोपीय यूनियन (EU) में नहीं बेच पाएगी. कंपनी 28 दिसंबर से यूरोप में आईफोन 14, आईफोन 14 प्लस और आईफोन SE 3rd जनरेशन की बिक्री बंद कर देगी. ये सभी फोन लाइटनिंग कनेक्टर के साथ आते हैं और यूरोपीय नियमों के अनुसार, ऐसे कनेक्टर वाले फोन की बिक्री अगले साल से बैन हो जाएगी. इसे देखते हुए ऐपल 28 दिसंबर से यूरोप के सभी 27 देशों में इनकी बिक्री बंद कर रही है. 



क्या कहते हैं यूरोप के नियम?


EU ने 2022 में फैसला लिया था कि उसके सभी 27 देशों में बिकने वाले फोन्स और कुछ अन्य गैजेट में USB-C पोर्ट होना जरूरी होगा. यह फैसला इलेक्ट्रॉनिक कचरे को घटाने के लिए किया गया था. जब यह प्रस्ताव लाया गया, तब ऐपल ने इसे चुनौती दी थी, लेकिन 2023 में उसने USB-C पोर्ट के साथ आईफोन 15 को लॉन्च कर दिया था. इसी तरह ऐपल धीरे-धीरे अपने सभी iPads में USB-C पोर्ट देनी लगी है.



स्विट्जरलैंड में और पहले बंद हो सकती है बिक्री


स्विट्जरलैंड में इनकी बिक्री 20 दिसंबर से ही बंद हो सकती है. हालांकि, स्विट्जरलैंड यूरोप का हिस्सा नहीं है, लेकिन उसके कई कानून EU के समान हैं. यूरोप और स्विट्जरलैंड के अलावा नॉर्दन आयरलैंड में भी इस फैसले का असर होगा और यहां भी इन तीनों मॉडल्स की बिक्री बंद हो जाएगी.


भारत में जारी रहेगी बिक्री
 
भारत में इस फैसले का कोई असर नहीं होगा और यहां आईफोन 14 की बिक्री जारी रहेगी. ऑनलाइन या ऑफलाइन स्टोर से इन्हें खरीदा जा सकता है. भारत सरकार भी USB-C पोर्ट को लेकर नियम लाने पर विचार कर रही है. ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि अगले साल जून से भारत में भी नए स्मार्टफोन और टैबलेट्स के लिए USB-C पोर्ट अनिवार्य कर दिया जाएगा. 2026 से लैपटॉप के लिए भी यह नियम लागू होने की बात कही जा रही है.


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