अक्सर जानकार सलाह देते हैं कि आप अपने फोन को वायरस से बचाना चाहते हैं, तो एप्लिकेशंस को गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) से ही डाउनलोड करना चाहिए. किसी भी थर्ड पार्टी एप को इंस्टॉल करने से बचना चाहिए. हालांकि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मोबाइल में सबसे ज्यादा वायरस प्ले स्टोर के जरिए ही पहुंचते हैं. जी हां, इसका खुलासा एक हालिया रिपोर्ट में हुआ है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी कई साइबर सुरक्षा से जुड़ी रिपोर्ट में प्ले स्टोर पर वायरस वाले एप का खुलासा हुआ था. समय-समय पर प्ले स्टोर अपनी सुरक्षा को मजबूत करते हुए ऐसे एप्स को हटा भी देता है. इसके बावजूद वायरस वाले एप्स का खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है.
क्या है हालिया रिपोर्ट
दरअसल अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी नॉर्टनलाइफलॉक (NortonLifeLock) और स्पेन के आईएमडीईए (IMDEA) सॉफ्टवेयर इंस्टीट्यूट द्वारा ने प्लेस्टोर से फोन में वायरस पहुंचने से संबंधित एक सर्वे किया था. इन दोनों ऑर्गनाइजेशन की जॉइंट रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आपके फोन में वायरस पहुंचने का सबसे बड़ा स्रोत गूगल प्ले-स्टोर ही है. इस सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक गूगल प्ले-स्टोर से करीब 67 प्रतिशत ऐसे एप्स इंस्टॉल होते हैं, जिनमें मैलवेयर होते हैं. अगर आसान भाषा में कहें, तो इस प्लेटफॉर्म पर तमाम एप मैलवेयर वाले होते हैं.
कैसे तैयार की गई थी रिपोर्ट
इस सर्वे में करीब 79 लाख एप और 1.2 करोड़ एंड्रॉयड डिवाइस का अध्ययन चार महीने तक किया गया था. यह स्टडी जून-सितंबर 2019 के बीच किया गया था. सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन थर्ड पार्टी एप को सबसे ज्यादा शक की नजर से देखा जाता है, उनके जरिए फोन में सिर्फ 10.4 प्रतिशत एंड्रॉयड डिवाइस में ही मैलवेयर पहुंचते हैं. इस स्टडी में गूगल प्ले-स्टोर, अल्टरनेटिव मार्केट, वेब ब्राउजर, पे पर इंस्टॉल प्रोग्राम, मैसेज और अन्य सोर्स से डाउनलोड किए गए एंड्रॉयड एप को शामिल किया गया था. इसमें इस बात का भी खुलासा हुआ कि करीब 87.2 प्रतिशत एंड्रॉयड एप गूगल प्ले-स्टोर से डाउनलोड किए जाते हैं, जिनमें 67.5 फीसदी एप मैलवेयर वाले होते हैं.