स्मार्टफोन्स आने से पहले कीपैड वाले फोन का ही सहारा था. इनमें कॉलिंग और SMS जैसे बेसिक फीचर्स मिलते थे, जो उस समय लोगों के लिए बड़ी सुविधा थी. उसके बाद स्मार्टफोन आए और कीपैड वाले फोन लोगों के हाथों में दिखने बंद हो गए. खासकर युवाओं ने कीपैड वाले फीचर फोन खरीदने ही बंद कर दिए. अब कुछ ही सालों बाद वक्त बदलता दिख रहा है और फीचर फोन की फिर से डिमांड बढ़ने लगी है. इसके पीछे कई कारण हैं. आइये उन कारणों को जानते हैं.


स्मार्टफोन से परेशान हो गए हैं लोग


स्मार्टफोन से लोग परेशान हो चुके हैं. सोशल मीडिया और दूसरी नोटिफिकेशन के चलते लोग पूरा दिन फोन से चिपके रहते हैं. आजकल स्मार्टफोन का कॉलिंग के लिए कम और सोशल मीडिया के लिए ज्यादा यूज हो रहा है. ऐसे में लोग दिनभर नोटिफिकेशन के चलते तनाव में रहते हैं. इस तनाव से बचने के लिए लोग फिर से फीचर फोन की तरफ चल पड़े हैं.


फीचर फोन में प्राइवेसी की चिंता नहीं


स्मार्टफोन में प्राइवेसी की चिंता और रोजाना बढ़ते साइबर क्राइम के मामलों ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं. स्मार्टफोन के जरिये जासूसी का डर भी रहता है. ऐसी स्थिति में फीचर फोन बड़े काम की चीज है. इनमें ज्यादा डेटा स्टोर नहीं होता, इसलिए उसके लीक होने का भी खतरा कम रहता है. स्मार्टफोन के मुकाबले फीचर फोन में प्राइवेसी की चिंता कम है.


कम कीमत


आजकल अच्छे स्मार्टफोन की कीमत लगभग 10,000 रुपये से शुरू होती है, वहीं फीचर फोन 1,000-2,000 रुपये में मिल जाता है. ऐसे में अगर किसी को सिर्फ कॉलिंग के लिए फोन की जरूरत होती है तो वह स्मार्टफोन की बजाय फीचर फोन को खरीदना पसंद करता है.


लंबी बैटरी और भरोसा


फीचर फोन की बैटरी खूब लंबी चलती है. आजकल लोग इयरबड्स से लेकर स्मार्टफोन आदि को चार्ज लगा-लगाकर थक चुके हैं. ऐसे में फीचर फोन की बैटरी राहत देती है. एक बार चार्ज करने पर 3-4 दिन तक चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. इसके अलावा फीचर फोन अधिक भरोसेमंद होते हैं. इनमें हैंग होने या वायरस घुसने की भी टेंशन नहीं रहती.


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