Second Hand Smartphone: यूज्ड (Used) या सेकेंड हैंड स्मार्टफोन (Second Hand Smartphone) को सेलेक्ट करना भी आसान काम नहीं है. किसी पहले से इस्तेमाल किए गए स्मार्टफोन को खरीदने का मन बनाना मुश्किल है, क्योंकि कीमतों में उतार-चढ़ाव होने पर हमेशा बेहतर डील की संभावना होती है. पुराना फोन खरीदते समय भी एंड्रॉयड (Android) vs आईफोन (iPhone) की बहस चलती रहती है. ऐसे में, उपयोग किए गए आईफोन और एंड्रॉयड फ्लैगशिप फोन के बीच कीमत अलग तरह से बदलती हैं. 3 साल पुराने आईफोन और तीन साल पुराने एंड्रॉयड फोन के Software Scenario में भी बहुत अंतर होता है. यहां तक कि एक्सेसरी सपोर्ट (Accessory Support) में भी बदलाव देखने को मिलता है. यदि आप भी Second Hand फोन खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो इस खबर में हम आपको बता रहे है कि सेकेंड हैंड फोन खरीदने से पहले इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
Smartphone के Price
Second Hand फोन खरीदने के लिए फोन की कीमत सबसे जरूरी पहलू में शामिल है. खरीद के लिए आपको पुराने आईफोन और एंड्रॉयड के प्राइज ट्रेंड (Price Trend) के बारे में जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि फोन की कंडीशन, डीलर और खरीदार पर ही इसकी कीमत निर्भर करती है. देखा गया है कि पुराने आईफोन्स की कीमतें धीरे-धीरे नीचे जाती हैं, जिससे नए और पुराने आईफोन मॉडल के बीच की कीमत का ज्यादा अंतर नहीं रहता. पुराने आईफोन की तुलना में पुराने एंड्रॉइड फोन की कीमत तेजी से गिरती है. यदि आप ज्यादा पैसे बचाना चाहते हैं, तो आप सेकेंड हैंड एंड्रॉइड फोन को चुन सकते हैं.
Smartphone का Software
Second Hand फोन खरीदने से पहले आपको ये जानना बहुत जरूरी है कि आप जो फोन ले रहे हैं उसका सॉफ्टवेयर अपडेट मोबाइल कंपनी अभी तक दे रही है या नहीं. आमतौर पर आईफोन ज्यादा समय तक सॉफ्टवेयर अपडेट देता है, जबकि एंड्रॉयड कंपनियां दो या तीन साल तक ही सॉफ्टवेयर अपडेट देती हैं. बता दें, मेजर सॉफ्टवेयर अपडेट भी आईफोन काफी समय तक देता है. सॉफ्टवेयर एक-दो साल से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए, क्योंकि इसके बिना आप नए और लेटेस्ट ऐप्स का मजा नहीं ले पाएंगे. पुराने सॉफ्टवेयर में स्मार्टफोन की स्पीड और बैटरी क्षमता भी प्रभावित होती है, जो एक्सपीरियंस को खराब भी कर सकती है.
Smartphone की Resale Value
यदि आप Second Hand Smartphone को कुछ समय के लिए ही खरीद रहे हैं तो उसकी री-सेल वैल्यू (Resale Value) के बारे में भी आपको जानकारी होनी चाहिए. ब्रांड और फोन के मॉडल के आधार पर स्मार्टफोन की कीमतें गिरती रहती हैं, जबकि आईफोन की कीमतों में बदलाव धीरे-धीरे होता है. बता दें, CeX, Pricekart और Cashify जैसे कुछ ऑनलाइन प्लेटफार्म भी हैं जो मोबाइल की री-सेल वैल्यू और मार्केट वैल्यू के बारे में जानकारी देते हैं.
Smartphone की Accessories
सेकेंड हैंड फोन (Second Hand Smartphone) लेते समय उनकी एसेसरीज जैसे बैटरी, चार्जिंग एडेप्टर, चार्जिंग केबल, फोन केस (Phone Cases), स्क्रीन प्रोटेक्शन (screen protectors) के बारे में पता कर लेना चाहिए. फोन के बहुत ज्यादा पुराने हो जाने पर मार्केट में उनकी एसेसरीज मिल पाना कठिन हो जाता है, इसके लिए ध्यान रखें कि फोन बहुत ज्यादा आउटडेटेड(Outdated) न ही हो.
Processor क्या है? पावरफुल प्रोसेसर की कैसे करें पहचान? यहां जानें इसका काम