(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Fleeceware : फोन में हैं ये ऐप्स, तो भरने पड़ सकते हैं अनचाहे बिल
Fleeceware In Phone: जोकर मालवेयर खुद ही प्रीमियम सर्विसेज की मेंबरशिप लेता है, जो न्यूज अलर्ट से लेकर ज्योतिष अपडेट तक कुछ भी हो सकती हैं. इसके बाद यूजर को अनजाने में अधिक बिल पे करने पड़ते हैं.
Joker Malware Attack: दिन प्रतिदिन बढ़ती टेक्नॉलजी व्यस्त जीवन को आसान बनाती जा रही है. ऐसे में मोबाइल में हेल्थ से लेकर शॉपिंग और कई सारे काम आने वाली ऐप्स काफी मददगार साबित होती हैं. लेकिन इनमें से कुछ ऐप्स ऐसी भी हैं, जो आपके और आपके मोबाइल के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं. अगर आपके मोबाइल पर स्मार्ट एसएमएस(Smart SMS), ब्लड प्रेशर मॉनिटर (Blood pressure monitor), वॉयस लैंग्वेज ट्रांसलेटर(Voice language translator) और क्विक टेक्स्ट एसएमएस(Quick test SMS) ऐप्स हैं, तो उन्हें फोन से हटाना ही बेहतर होगा. हाल ही में इन चार ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है, क्योंकि वे यूजर के फोन में मैलवेयर (Malware) ट्रांसफर कर रहे थे. ये ऐप्स 2017 से सक्रिय हैं.
साइबर सिक्योरिटी फर्म ने किया सचेत
भारत उन टॉप 10 देशों में शामिल है, जहां संभावित रूप से हानिकारक ऐप्स (PHA) लगातार डाउनलोड किए जाते हैं, मोबाइल साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशन्स देने वाली एक निजी फर्म प्राडियो(Pradeo) के सुरक्षा शोधकर्ताओं ने इसका पता लगाया. प्राडियो की रिसर्च टीम ने पाया कि इन चार ऐप्स को जोकर मैलवेयर(Joker Malware) द्वारा हाईजैक किया गया था , जिसे फ्लीसवेयर (Fleeceware) के रूप में जाना जाता है. जोकर मालवेयर ने अब तक दुनिया भर में करोड़ों मोबाइल को निशाना बनाया है.
चुकाने पड़ सकते हैं अनचाहे बिल
ऐप डाउनलोड होने के बाद जोकर स्वचालित रूप से प्रीमियम सेवाओं की सदस्यता लेता है, जो न्यूज अलर्ट से लेकर ज्योतिष अपडेट तक कुछ भी हो सकता है. इसकी एकमात्र शर्त यह है कि ये सर्विस कैटेगरी में आते हैं. इसके बाद यूजर को अनजाने में अधिक बिलों का भुगतान करना पड़ता है. अगर जल्द इसका पता नहीं चलता है, तो सब्स्क्रिप्शन महीनों तक चल सकता है.
ऐसे लगाते हैं चूना
प्राडियो की रिपोर्ट के मुताबिक, इन-ऐप खरीदारी के दौरान टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन(Two Factor Authentication) प्रोटोकॉल को बायपास करने के लिए, स्मार्ट एसएमएस(Smart SMS) और ब्लड प्रेशर मॉनिटर(Blood Pressure Monitor) ऐप वन-टाइम पासवर्ड डालने से रोकते हैं. ऐसा करने के लिए, पहला केवल एसएमएस पढ़ता है और साइलेंट स्क्रीनशॉट लेता है. दूसरा नोटिफिकेशन को रोकता है. यूजर को धोखाधड़ी के बारे में तब पता चलता है जब उन्हें मोबाइल पर बिल मिलता है. इन सभी ऐप्स को अन्य एप्लिकेशन इंस्टॉल करने के लिए प्रोग्राम किया गया है, जो और भी खतरनाक मैलवेयर को ट्रांसफर करने के लिए ड्रॉपर के रूप में काम करते हैं.
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