भारत में चाइनीज एप टिकटॉक पर लगे बैन के बाद से ही इसके यूजर्स दूसरे विकल्प तलाशते दिख रहे हैं, लेकिन टिकटॉक पर अपने खास वीडियो के कारण अच्छी-खासी संख्या में फॉलोअर्स बटोरने वाले और अपने इन वीडियो के जरिए कमाई करने वाले ऐसे यूजर्स, जिन्हें ‘कॉन्टेन्ट क्रिएटर्स’ या ‘इन्फ्लुएंसर’ कहा जाता है, काफी परेशान हैं. कारण- न सिर्फ उनकी फॉलोइंग पूरी तरह से खत्म होना, बल्कि कमाई को भी नुकसान पहुंचना है.
भारत में टिकटॉक के 20 करोड़ से ज्यादा यूजर्स थे, लेकिन 29 जून को केंद्र सरकार के द्वारा चीनी मोबाइल एप पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद से ये यूजर्स दूसरे प्लेटफॉर्म की ओर रुख कर रहे हैं. हालांकि इस एप के जरिए कमाई करने वाले ऐसे लाखों यूजर्स के लिए दूसरी एप की तरफ रुख करना इतना आसान नहीं हो रहा, क्योंकि उन्हें फॉलोअर्स आसानी से नहीं मिल रहे.
12 लाख से ज्यादा क्रिएटर्स को नुकसान
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में मौजूद टिकटॉक यूजर्स में से लगभग 12 लाख ऐसे थे, जो बतौर ‘कॉन्टेन्ट क्रिएटर’ इस एप से कमाई कर रहे थे. सरकार के इस फैसले के बाद से इनकी कमाई पर जबरदस्त असर पड़ा है.
चीन के बाद टिकटॉक का सबसे बड़ा बाजार भारत ही था. भारत में ये मुख्य तौर पर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में ज्यादा पॉपुलर हुआ और इसके पीछे वजह थी सिर्फ वीडियो के लिए सिर्फ 15-20 सेकंड की लिमिट और उन वीडियो को बनाने में होने वाली आसानी.
रिपोर्ट के मुताबिक, टिकटॉक के छोटे भारतीय शहरों और ग्रामीण इलाकों में बढ़ती पैठ के कारण कई बड़े ब्रांड ने इसका फायदा उठाया और लाखों की संख्या में फॉलोअर्स वाले क्रिएटर्स के जरिए अपने ब्रांड का प्रमोशन किया. इसके ब्रांड को इन छोटे इलाकों में पहुंच बनाने में मदद मिली, तो दूसरी तरफ क्रिएटर्स को कमाई का साधन मिला.
12 फीसदी यूजर्स के एक लाख से ज्यादा फॉलोअर्स
रिपोर्ट में इंफ्लुएंसर्स पर नजर रखने वाली कंपनी HypeAuditor की एक स्टडी के हवाले से बताया गया है कि भारत में मौजूद लगभग 12 फीसदी टिकटॉक इंफ्लुएंसर्स के पास एक लाख से ज्यादा फॉलोअर्स थे और इसका फायदा यूजर्स और ब्रांड दोनों ही उठा रहे थे.
इंफ्लुएंसर्स का मानना है कि उनके लिए दूसरी एप में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है लेकिन ये इतना आसान नहीं है क्योंकि टिकटॉक में एप के जरिए ही आसानी से वीडियो एडिटिंग जैसे सुविधाएं मिल जाती थीं, जो दूसरी एप में फिलहाल नहीं हैं और ऐसे में उनके लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं.
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