Cyber fraud : साइबर फ्रॉड रोकने के लिए केंद्र सरकार ने सिम खरीदने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जो 1 अक्टूबर 2023 से देशभर में लागू होने जा रहे हैं. नए नियम के लागू होने के बाद यूजर्स अपनी आईडी पर सीमित सिम खरीद सकेंगे. साथ ही अब बल्क में सिम खरीदने वालों की भी शामत आने वाली है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नए नियम को लेकर कहा कि साइबर फ्रॉड, स्कैम और फ्रॉड कॉल को रोकने के उद्देश्य से सरकार ने सिम कार्ड के नए नियम जारी किए हैं. उन्होंने बताया कि फ्रॉड कॉल्स को रोकने के लिए करीब 52 लाख कनेक्शन को ब्लॉक किया गया है. इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार की तरफ से सिम बेचने वाले 67 हजार डीलर्स को बैन किया गया है.
सिम डीलर्स का होगा वेरिफिकेशन
नए नियम के अनुसार सिम बेचने वाले डीलर्स को अपना पुलिस वेरिफिकेशन और बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन कराना होगा. साथ ही सिम बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना भी जरूरी होगा. व्यापारियों के पुलिस वेरिफिकेशन की पूरी जिम्मेदारी टेलीकॉम ऑपरेटर की होगी. अगर कोई इन नियमों की अनदेखी करके सिम बेचता है तो उस पर 10 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा. व्यापारियों को वेरिफिकेशन के लिए सरकार ने 12 महीने का समय दिया है.
डेमोग्राफिक डेटा के बाद ही मिलेगा सिम
अगर कोई कस्टमर अपने किसी पुराने नंबर पर कोई नया सिम कार्ड खरीदना चाहता है तो उसके आधार पर छपे क्यूआर कोड को स्कैन करके उसका डेमोग्राफिक डेटा भी कलेक्ट किया जाएगा.
नंबर के डिस्कनेक्शन का ये होगा नियम
नए नियम के मुताबिक अब बल्क में सिम कार्ड जारी नहीं किए जाएंगे. सरकार ने इसके लिए बिजनेस कनेक्शन का प्रावधान शुरू किया है. हालांकि, आप पहले की तरह एक आईडी प्रूफ पर 9 सिम कार्ड खरीद सकते हैं. इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति अपना सिम कार्ड बंद कराता है तो वह नंबर 90 दिनों बाद ही दूसरे ग्राहक को जारी किया जाएगा.
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