देश में सिम कार्ड के खरीदने के नियम अब सख्त हो गए हैं. दरअसल, पिछले कुछ समय से साइबर अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. इसके चलते लोगों को डेटा चोरी के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. अब इन घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने सिम कार्ड के नियमों को सख्त किया है. दरअसल, साइबर अपराध की घटनाओं में फर्जी सिम कार्ड की भूमिका अहम होती है. इसे देखते हुए टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं.
सरकार ने दिए ये निर्देश
केंद्र सरकार के टेलीकॉम विभाग ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को डिजिटल इंटीग्रेटेड वेरिफिकेशन सिस्टम लागू करने को कहा है. इसका मतलब है कि अब ग्राहकों की पहचान के लिए सख्त नियम अपनाएं जाएंगे और सिम कार्ड बेचने से पहले कंपनियों को उन्हें अलग-अलग पैरामीटर पर वेरिफाई करना होगा. अब कोई भी ग्राहक बिना बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के सिम कार्ड नहीं खरीद सकेगा. यानी सिम कार्ड बेचने से पहले कंपनियों का उनका बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन भी करना होगा.
ज्यादा कनेक्शन लेने वालों की भी खैर नहीं
सिम कार्ड देने से पहले कंपनियों को ग्राहकों का फोटो 10 अलग-अलग एंगल से लेना होगा. इसके अलावा यह भी जांच की जाएगी कि ग्राहक के नाम पर पहले से कितने कनेक्शन चल रहे हैं और क्या उसने अलग-अलग नाम से कनेक्शन लिए हैं.
फर्जी सिम कार्ड के खिलाफ तेज हुई सरकार की कार्रवाई
साइबर फ्रॉड रोकने की कोशिश में लगी सरकार ने फर्जी सिमकार्ड के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है. अब तक 2.5 करोड़ नकली सिम कार्ड को ब्लॉक किया जा चुका है. हाल ही में खबर आई थी कि बिहार में भी 27 लाख सिम कार्ड ब्लॉक किए जाएंगे. दरअसल, बिहार में ऐसे लोगों के सिम कार्ड ब्लॉक करने के आदेश जारी हो गए हैं, जिनके पास 9 से अधिक सिम कार्ड हैं. अभी इन लोगों को 90 दिन का समय दिया गया है. इस दौरान उन्हें यह जानकारी देनी होगी कि वो कौन-से 9 नंबर एक्टिव रखना चाहते हैं. अगर वो इसकी जानकारी नहीं देंगे तो रैंडम तरीके से 9 के बाद के सिम कार्ड ब्लॉक कर दिए जाएंगे.
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