Drinik Android Trojan: सावधान हो जाएं बैंकिंग मैलवेयर से, बैंक अकाउंट हो रहे हैं खाली
यह वायरस स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को मिलाकर 27 बैंकों के कस्टमर्स को अपना टारगेट बना रहा है. Drinik वायरस का यह नया वर्जन उपयोगकर्ता को एक फिशिंग पेज पर ले जाता है.
Drinik Android Trojan Virus : एंड्रॉयड यूजर्स को सावधान हो जाने की जरूरत है क्योंकि Drinik Android Trojan का एक नया वर्जन देखा गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक यह वर्जन 18 भारतीय बैंकों के यूजर्स को निशाना बनाए हुए है. यह वायरस यूजर्स की निजी जानकारी और बैंक से संबंधित जानकारी चुरा सकता है. बता दें कि ड्रिनिक एंड्रॉइड ट्रोजन एक पुराना मैलवेयर है, जो साल 2016 से भारत के एंड्रॉयड यूजर्स में सर्कुलेट हो रहा है. इस वायरस का यूज स्कैमर्स एसएमएस चोरी करने के लिए करते थे मगर सितंबर 2021 में इसमें एक बैंकिंग ट्रोजन भी जोड़ा गया है, जिस वजह से आपके बैंक अकाउंट्स अफेक्ट हो सकते हैं. सरकार ने एंड्रॉयड यूजर्स के लिए इस ट्रोजन से संबंधित पहले भी वार्निंग दी थी.
एसबीआई बैंक भी है इसके टारगेट में
यह वायरस स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को मिलाकर 27 बैंकों के कस्टमर्स को अपना टारगेट बना रहा है. Drinik वायरस का यह नया वर्जन उपयोगकर्ता को एक फिशिंग पेज पर पहुंचा देता है, जिसके बाद यूजर का महत्वपूर्ण डेटा चोरी हो जाता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, यह वायरस फुल एंड्राइड बैंकिंग ट्रोजन के रूप में विकसित किया गया है ताकि बैंक अकाउंट्स को आसानी से निशाना बनाया जा सके.
यह वायरस इस तरह काम करता है
यूजर्स इस वायरस को आयकर विभाग के मैनेजमेंट टूल्स समझकर इंस्टॉल करते हैं, फिर यह वायरस यूजर्स से एसएमएस पढ़ने, रिसीव करने और सेंड की परमिशन लेता है. इससे अलग ये वायरस कॉल लॉग्स और एक्सटर्नल स्टोरेज को एक्सेस करने की भी परमिशन लेता है. जैसे ही यूजर अनुमति दे देता है वैसे ही गूगल प्ले प्रोटेक्ट को डिसेबल कर देता है. रिपोर्ट्स से यह भी सामने आया है कि ड्रिनिक मैलवेयर का यह वर्जन फिशिंग पेज पर नहीं ले जाता है बल्कि रियल आयकर की साइट खोलता है. ऐसा करने के बाद यह मैलवेयर स्क्रीन रिकॉर्डिंग के जरिए यूजर का डाटा चुरा लेता है.
इसकी वजह यह है की रियल साइट समझकर यूजर्स साइट पर पर्सनल डिटेल शेयर करते हैं. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार यह बात भी सामने आई है कि यूजर्स की स्क्रीन पर एक फेक डायलॉग बॉक्स भी ओपन होता है, जो यूजर्स को 57100 रुपये पे करने का दावा करता है. जैसे ही यूजर रिफंड बटन पर क्लिक करता है तो एक फिशिंग पेज ओपन हो जाता है, जो यूजर की सभी निजी डिटेल्स चुरा लेता है. यह वायरस काफी नुकसानदायक है क्योंकि यह यूजर्स के फोन में डाउनलोड और इंस्टॉल होने के बाद स्क्रीन रिकॉर्डिंग, की-लॉगिंग, एक्सेसिबिलिटी सर्विसेज और अन्य जानकारियां का भी एक्सेस ले सकता है.
वायरस से संबंधित इस बातों का रखें ध्यान
1. अंजान नंबरों और और किसी भी अंजान सोर्सेज से लिंक पर क्लिक न करें.
2. कोई भी आप डाउनलोड करने के लिए केवल गूगल प्ले स्टोर का ही इस्तेमाल करें और वहीं से ही इंस्टॉल करें.
3. इस बात का भी ध्यान रखें कि अपने एंड्रॉयड स्मार्टफोन में गूगल प्ले प्रोटेक्ट को हमेशा एनेबल रखें.
4. अपने मोबाइल की सभी ऐप्स और फोन की स्क्रीन पर बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन को एक्टिव रखना न भूलें.
5. अपने स्मार्टफोन पर डाउनलोडेड सभी ऐप्स को परमिशन न दें.
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